मेरे महाकाल की नजरो में, जो भक्त उतर जाता है, कितना भी गहरा सागर हो, पार उतर जाता है, डूबती हुई कश्ती भी, पार हो जाये, नज़र महाकाल की, एक बार जो हो जाए।
मेरे महाकाल की तो,
बात ही निराली है, किया उद्धार उनका, जिनपे नज़र डाली है, मेरे त्रिकाल का, आधार जो हो जाए, नज़र महाकाल की, एक बार जो हो जाए।
जो भक्त बस गए, महाकाल की निगाहों में,
New Bhajan 2023 Lyrics in Hindi
बिछाता फूल, महाकाल उनकी राहों में, चाहे जग में, दुश्मन हजार हो जाए, नज़र महाकाल की, एक बार जो हो जाए।
भक्ति और भाव से जो, भोले का गुणगान करें, कल्याणकारी बाबा,
भक्तो का कल्याण करें, जिंदगी का सपना, साकार हो जाए, नज़र महाकाल की, एक बार जो हो जाए।
शिव को महाकाल इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे काल के भी काल हैं। काल का अर्थ है समय और मृत्यु। शिव काल को नियंत्रित करते हैं और मृत्यु के देवता हैं। उन्हें "काल भैरव" भी कहा जाता है, जो काल का एक रूप है। उज्जैन नगरी को भी महाकाल नगरी कहा जाता है क्योंकि यहां महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह ज्योतिर्लिंग शिव के स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार एक ब्राह्मण ने भगवान शिव की तपस्या की। शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें वरदान दिया कि जो भी उज्जैन नगरी में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करेगा, वह सभी पापों से मुक्त हो जाएगा। इसलिए, उज्जैन नगरी को महाकाल नगरी कहा जाता है।
यहां कुछ अन्य कारण दिए गए हैं कि शिव को महाकाल क्यों कहा जाता है:
शिव का स्वरूप भयंकर है, जो काल के स्वरूप को दर्शाता है।
शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत है, जो हिमालय की श्रृंखलाओं में स्थित है। हिमालय को "काल" का निवास स्थान माना जाता है।
शिव का वाहन नंदी बैल है, जिसे "काल" का प्रतीक माना जाता है।
उज्जैन नगरी को महाकाल नगरी क्यों कहा जाता है, इसके कुछ अन्य कारणों में शामिल हैं:
उज्जैन नगरी को "काल भैरव" की नगरी माना जाता है। काल भैरव भगवान शिव का एक रूप हैं, जो काल के देवता हैं।
उज्जैन नगरी को "ज्योतिर्लिंगों का केंद्र" माना जाता है। यहां महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के अलावा, अन्य 11 ज्योतिर्लिंगों के भी मंदिर हैं।
उज्जैन नगरी को "काल का अंत" माना जाता है। यहां भगवान शिव ने काल को पराजित किया था।
बस इतनी कृपा करना मेरा वक्त सुधर जाये || महाकाल नजर आए || Shiv Bhajan || Kishan Bhagat