भोले जी तुम्हें भांग की पड़ी
भोले जी तुम्हें भांग की पड़ी,
मेरी गोरा है महलों की परी,
भोले जी तुम्हें भांग की पड़ी।
बेल और पाती,
तोहै सब कुछ भावे,
भक्त चढ़ा रहे फुलों की कली,
भोले जी तुम्हें भांग की पड़ी।
भांग धतूरा तुम्हें सब कुछ भावे,
तोपे भक्त चढ़ा रहे समी,
भोले जी तुम्हें भांग की पड़ी।
लड्डू तेरा तुम्हें सब कुछ भावे,
तोपे भक्त चढ़ा रहे दही,
भोले जी तुम्हें भांग की पड़ी।
नाग ततैया तुम्हें सब कुछ भावे,
तेरे द्वार पर नंदी खड़ी,
भोले जी तुम्हें भांग की पड़ी।
डमरु नगाड़े तुम्हें सब कुछ भावे,
तेरे भक्त बजावे ढोलकी,
भोले जी तुम्हें भांग की पड़ी।
गोरा गणपति तो है दोनों भावे,
द्वारा भक्तों की टोली खड़ी,
भोले जी तुम्हें भांग की पड़ी।