दिखावा है ये धन दौलत लिरिक्स Dikhava Hai ye Dhan Daulat Lyrics
दिखावा है ये धन दौलत लिरिक्स Dikhava Hai ye Dhan Daulat Lyrics
दिखावा है ये धन दौलत,इसे बस प्रेम भाता है,
अगर हो प्रेम सच्चा,
तो ये नंगे पांव आता है,
ये रहता हरदम खड़ा,
प्रेमियों के लिए।
प्रेम मीरा ने ऐसा अनोखा किया,
भर के प्याला हला हल,
वो विष पी गई,
धन दौलत महल राज को त्याग के,
सांवरे की वो ऐसी दीवानी हुई,
नाची मस्ती में वो सांवरे के लिए,
दिखावा है ये धन दौलत,
इसे बस प्रेम भाता है।
भाव नरसी के जैसा जगाये कोई,
नानी बाई सी करुना दिखाए कोई,
उसको अपनों के जैसे बुलाये कोई,
गाके भजनों से उसको रिझाये कोई,
फिर से आयेगा ये मायेरे के लिए,
दिखावा है ये धन दौलत,
इसे बस प्रेम भाता है।
बैठ कर देख ये आमने सामने,
बात बिगड़ी हुई है तो बन जायेगी,
जन्मो जन्मो का बिगड़ा मुकदर तेरा,
यहाँ पल भर में किस्मत सवर जायेगी,
फिर न बिगड़े गी ये उम्र भर के लिए,
दिखावा है ये धन दौलत,
इसे बस प्रेम भाता है।
ऐसा दानी दयालु ये दातार है,
इसकी माया का पाया नही पार है,
धर्वु प्रहलाद के वास्ते आ गया,
आके कर्मा का ये खिचड़ा खा गया,
संजू आया है हरदम सभी के लिए,
दिखावा है ये धन दौलत,
इसे बस प्रेम भाता है।