उसको अपनों के जैसे बुलाये कोई, गाके भजनों से उसको रिझाये कोई, फिर से आयेगा ये मायेरे के लिए, दिखावा है ये धन दौलत, इसे बस प्रेम भाता है।
बैठ कर देख ये आमने सामने, बात बिगड़ी हुई है तो बन जायेगी, जन्मो जन्मो का बिगड़ा मुकदर तेरा,
यहाँ पल भर में किस्मत सवर जायेगी, फिर न बिगड़े गी ये उम्र भर के लिए, दिखावा है ये धन दौलत, इसे बस प्रेम भाता है।
ऐसा दानी दयालु ये दातार है, इसकी माया का पाया नही पार है, धर्वु प्रहलाद के वास्ते आ गया, आके कर्मा का ये खिचड़ा खा गया, संजू आया है हरदम सभी के लिए, दिखावा है ये धन दौलत, इसे बस प्रेम भाता है।
श्याम रहता खड़ा प्रेमियों के लिए. hemkant jha pyasa