नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे

यह कथा भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला का वर्णन करती है। जब श्रीकृष्ण चलने लगे, तो उनकी मित्र मंडली बन गई। वे हर दिन माखन चोरी करने जाते थे। 

नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे

नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे।

पनघट पे आके करे जोरा जोरी,
चुपके से आये करे चिर चोरी,
मैया हल्लो मच्यो तो सटक गयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे।

मुस्कान इसकी लगे प्यारी प्यारी,
दीवानी हुई इसकी सारी बृज नारी,
ऐ की बंसी में जियरो अटैक गयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे।

घर घर में जाके ये माखन चुरावे,
खावे सो खावे जमी पे गिरावे,
मैया रोकनो हमारो खटक गयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे।

मैं तो दुखारी गरीबी की मारी,
नहीं जोर चल्यो तो दीन्ही में गाली,
नंदू बैंया कन्हैया झटक गयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे।

नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे।
 


Nand Rani Kanhiyon [Full Song] Aisi Masti Kahan Milegi
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