ॐ नमो शिव शंकरा लिरिक्स

ॐ नमो शिव शंकरा लिरिक्स

ॐ नमो शिव शंकरा,
तन मृगछाला,
कंठ हलाहल,
माथे गंगा,
बहे गंगाधर।

भव भय भंजन,
अलख निरंजन,
हाथ में डमरू,
बजे गंगाधर।

ॐ नमो शिव शंकरा,
आदि तुम्ही हो अंत तुम्ही हो,
तुमसे सृष्टी सारी,
निराकार हो तुम साकार हो,
तुम हो प्रलयंकारी,
भाल त्रिपुण्ड,
त्रिनेत्र है चमके,
करुणा बरसे,
मुख करुणाकर,
तन मृगछाला,
श्वेतदेहाय रुद्राय,
श्वेतगंगाधराय च,
श्वेतभस्माङ्गरागाय,
श्वेतस्वरूपिणे नमः,
नमो शिव शंकरा।

सागर से निकला विष पीते,
और संसार बचाते,
सांप और बिच्छू सारे विषधर,
अपने गले लगाते,
सबको अभयदान देते हो,
भय बंधन हरते अभयंकर,
तन मृगछाला।

देवों संतो की रक्षा को,
रूद्र रूप में आते,
त्रिपुरासुर का वध करते,
त्रिभुवन का शोक मिटाते,
तीनो लोक अभय रहते हैं,
और सदा जपते शिव शंकर,
तन मृगछाला।
 



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