पर्वत पर छाई हरियाली जहां बैठे भोला भंडारी लिरिक्स Parvat Par Chhai Hariyali Lyrics
पर्वत पर छाई हरियाली जहां बैठे भोला भंडारी लिरिक्स Parvat Par Chhai Hariyali Lyrics
पर्वत पर छाई हरियाली,जहां बैठे भोला भंडारी,
मेरे भोले बाबा की,
जटा में गंगा,
नहावे दुनिया सारी,
जहां बैठे भोला भंडारी।
मेरे भोले बाबा के,
माथे पर चंदा,
जग फैली उजियारी,
जहां बैठे भोला भंडारी।
मेरे भोले बाबा के,
गले नाग माला,
दूध पिला दे दुनिया सारी,
जहां बैठे भोला भंडारी।
मेरे भोले बाबा के,
हाथों में डमरु,
नाचे दुनिया सारी,
जहां बैठे भोला भंडारी।
मेरे भोले बाबा के,
अंगों में भस्मी,
तिलक लगा में नर नारी,
जहां बैठे भोला भंडारी।
संग में गौरा,
गोदी में गणपत,
दर्शन कर दुनिया सारी,
जहां बैठे भोला भंडारी।