तरस रही है तेरे दरस को कबसे मेरी नजरिया मां लिरिक्स Taras Rahi Hai Tere Daras Ko Lyrics


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तरस रही है तेरे दरस को कबसे मेरी नजरिया मां लिरिक्स Taras Rahi Hai Tere Daras Ko Lyrics

तरस रही है तेरे दरस को,
कब से मेरी नजरिया माँ,
कब से मेरी नजरिया,
ओ शेरावाली ओ जोतावाली,
अब तो ले ले खबरिया,
तरस रही हैं तेरे दरस को,
कब से मेरी नजरिया।

तेरे दर जो आए सवाली,
भर दी झोली जाए ना खाली,
आओ माँ मेरे सर से उतारो,
आओ माँ मेरे सर से उतारो,
पापों की भारी गठरिया,
तरस रही हैं तेरे दरस को,
कब से मेरी नजरिया।

तू ही है ज्वाला तू ही है काली,
भक्तो की मैया सदा रखवाली,
दर दर भटके तेरे दरश को,
दर दर भटके तेरे दरश को,
भूली राह डगरिया,
तरस रही हैं तेरे दरस को,
कब से मेरी नजरिया।

भक्तो जी मंडल तेरा पुजारी,
घर घर में ज्योत जगाए तुम्हारी,
तेरा ही गुणगान करे माँ,
तेरा ही गुणगान करे माँ,
लख्खा हर एक नगरीया,
तरस रही हैं तेरे दरस को,
कब से मेरी नजरिया।




Taras Rahi Hai

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