माँ अम्बे तुम्हे मैं खत लिखती पर पता लिरिक्स Maa Ambe Tuhe Main Khat Lyrics


Naye Bhajano Ke Lyrics

माँ अम्बे तुम्हे मैं खत लिखती पर पता लिरिक्स Maa Ambe Tuhe Main Khat Lyrics

माँ अम्बे तुम्हे मैं खत लिखती,
पर पता मुझे मालूम नहीं,
दुख भी लिखती सुख भी लिखती,
पर पता मुझे मालुम नहीं,
माँ अम्बे तुम्हे मैं खत लिखती,
पर पता मुझे मालूम नहीं।

सूरज से पूछा चंदा से पूछा,
पूछा टिम टिम तारो से,
इन सब ने कहा अम्बर में है,
पर पता मुझे मालूम नहीं।

फूलों से पूछा कलियों से पूछा,
पूछा बाग़ के माली से,
इन सब ने कहा अम्बर में है,
पर पता मुझे मालुम नहीं।

नदियों से पूछा लहरो से पूछा,
पूछा बहते झरनो से ,
झरनो से कहा सागर में है पर,
पता मुझे मालुम नहीं।

साधो से पूछा संतो से पूछा,
पूछा दुनिया के योगियों से,
इन सब ने कहा अम्बर में है,
पर पता मुझे मालुम नहीं,
माँ अम्बे तुम्हे मैं खत लिखती,
पर पता मुझे मालूम नहीं।
 



Saptam Navratri Bhajan | माँ अंबे तुम कहां हो | Maa Ambey Tum Kahan Ho | नवरात्रि भजन 2020 | Ambe

+

एक टिप्पणी भेजें