बीच भंवर में फसी मेरी नैया तुम्ही हो खिवैया

बीच भंवर में फसी मेरी नैया तुम्ही हो खिवैया

(मुखड़ा)
बीच भँवर में फँसी मेरी नैया,
तुम्हीं हो खिवैया, माँ,
तुम्हीं हो खिवैया।।

(अंतरा)
तेरा ही भरोसा, माँ,
तेरा ही सहारा,
तुम्हीं को पुकारा, माँ,
तुम्हीं को पुकारा,
तेरे ही भरोसे पे,
चले मेरी नैया,
तुम्हीं हो खिवैया, माँ,
तुम्हीं हो खिवैया।।

बड़ी तेज आँधी,
तूफानों ने घेरा,
बता, कौन है मेरा, माँ,
यहाँ कौन है मेरा,
खड़ी क्या हुई के,
चली आ तू, मैया,
तुम्हीं हो खिवैया, माँ,
तुम्हीं हो खिवैया।।

सुनी जब भगत की,
झट दौड़ी आई,
पतवार हाथों ले,
किनारे लगाई,
बड़ी ही दयालु है,
प्रवीण मेरी मैया,
तुम्हीं हो खिवैया, माँ,
तुम्हीं हो खिवैया।।

(पुनरावृत्ति)
बीच भँवर में फँसी मेरी नैया,
तुम्हीं हो खिवैया, माँ,
तुम्हीं हो खिवैया।।
 


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