मैं तो सोये रही सपने में लिरिक्स
मैं तो सोये रही सपने में लिरिक्स
मैं तो सोये रही सपने में,
मेरे घर आए गोपाल,
मेरे घर आए गोपाल,
मेरे घर आए गोपाल।
धीरे से आके वाने बंसी बजायी,
मधुर मुरलिया मेरे मन भाई,
मैं तो सुन सुन हुई निहाल,
मेरे घर आए गोपाल,
मैं तो सोये रही सपने में,
मेरे घर आए गोपाल।
मोर मुकुट और,
जरी का दुशाला,
चंपा चमेली,
गुलाबों की माला,
मैं तो निरख निरख बलिहार,
मेरे घर आए गोपाल,
मैं तो सोये रही सपने में,
मेरे घर आए गोपाल।
कांधे पड़ी थी वांके,
काली कमलिया,
तिरछे खड़े थे मोरे,
बांके सांवरिया,
मोरे तन मन छायी बहार,
मेरे घर आए गोपाल,
मैं तो सोये रही सपने में,
मेरे घर आए गोपाल।
धीरे से आके वाने,
मोको जगायो,
कृपा कर मोहे,
कंठ लगायो,
मेरे जग गए भाग सुहाग,
मेरे घर आए गोपाल,
मैं तो सोये रही सपने में,
मेरे घर आए गोपाल।
मेरे घर आए गोपाल,
मेरे घर आए गोपाल,
मेरे घर आए गोपाल।
धीरे से आके वाने बंसी बजायी,
मधुर मुरलिया मेरे मन भाई,
मैं तो सुन सुन हुई निहाल,
मेरे घर आए गोपाल,
मैं तो सोये रही सपने में,
मेरे घर आए गोपाल।
मोर मुकुट और,
जरी का दुशाला,
चंपा चमेली,
गुलाबों की माला,
मैं तो निरख निरख बलिहार,
मेरे घर आए गोपाल,
मैं तो सोये रही सपने में,
मेरे घर आए गोपाल।
कांधे पड़ी थी वांके,
काली कमलिया,
तिरछे खड़े थे मोरे,
बांके सांवरिया,
मोरे तन मन छायी बहार,
मेरे घर आए गोपाल,
मैं तो सोये रही सपने में,
मेरे घर आए गोपाल।
धीरे से आके वाने,
मोको जगायो,
कृपा कर मोहे,
कंठ लगायो,
मेरे जग गए भाग सुहाग,
मेरे घर आए गोपाल,
मैं तो सोये रही सपने में,
मेरे घर आए गोपाल।
मैं तो सोये रही सपने में मेरे घर आये गोपाल | Main To Soyi Rahi Sapne Mein Mere Ghar Aaye Gopal
