मेरी सुरत की डोर सदा भगवन
मेरी सुरत की डोर सदा भगवन,
चरणों से तेरे बंधी रहे,
मेरा मन ना जाए और कहीं,
तेरी इतनी कृपा बनी रहे।
इस जग में वफा की रीत नहीं,
यहां किसी की सच्ची प्रीत नहीं,
बिन तेरे सच्चा मीत नहीं,
इक तुझ से सूरत जुड़ी रहे।
तुम सतगुरु अन्तर्यामी हो,
मेरे तन प्राणों के स्वामी हो,
तुम अनामी देश के मालिक हो,
तेरी सेवा की लगन ही लगे रहे।
तुम भक्तों के दुख सब हरते हो,
सच्चे धन से झोली भरते हो,
सदा रहमत ही तुम करते हो,
तेरी नजरे करम यूं ही बने रहे।
मन का मंदिर मैं सजाऊंगा,
तेरी मुरत उसमें बिठाऊंगा,
मन का मंदिर मैं सजाऊंगा,
तेरी सुरत उसमें बसाऊंगा,
भक्ति से तुझे रिझाऊंगा,
मेरे ध्यान में तेरी छवि रहे।
मेरी सुरत की डोर सदा भगवन,
चरणों से तेरे बंधी रहे,
मेरा मन ना जाए और कहीं,
तेरी इतनी कृपा बनी रहे।
Meri Surat Ki Dorr Sada Bhagwan - मेरी सुरत की डोर सदा भगवन By Bhakti Sangeet Latest Bhajan 2023