जगत की दौड़ में दादा लिरिक्स
जगत की दौड़ में दादा,
कैसे मैं दौड़ पाऊं,
थाम लो हाथ ये मेरा,
कहीं ना छूट जाऊं
हो मेरे दादा,
नाकोड़ा के भैरुं,
मुझको राह दिखाओ ना,
दर पे बुलाकर दादा,
मुझको गले लगाओ ना,
मेवानगरी वाले दादा,
नाकोड़ा वाले,
मेवानगरी वाले दादा,
लाज बचाओ ना,
नाकोड़ा के भैरुं,
मुझको राह दिखाओ ना,
दर पे बुलाकर दादा,
मुझको गले लगाओ ना।
गर्दिश में है नांव मेरी,
मुझे कुछ भी नजर ना आये,
डूब ना जाये नाव ये मेरी,
मन बड़ा घबराये,
तरस रहा हूं दादा अब तो,
ना तरसाओ ना,
नाकोड़ा के भैरुं,
मुझको राह दिखाओ ना,
दर पे बुलाकर दादा,
मुझको गले लगाओ ना।
हार गये है दादा,
बस अब तेरा सहारा है,
सब ने छोड़ दिया तो,
हमने तुम्हें पुकारा है,
हाथ रखो सर पे दादा,
और मुझे जीताओ ना,
नाकोड़ा के भैरुं,
मुझको राह दिखाओ ना,
दर पे बुलाकर दादा,
मुझको गले लगाओ ना।
रोती इन अंखियो को मेरी,
अब तो हंसा दो ना,
एक इशारा कर के मेरा,
भाग्य जगा दो ना,
छोटू को विपदा को दादा,
दूर भगाओ ना,
नाकोड़ा के भैरुं,
मुझको राह दिखाओ ना,
दर पे बुलाकर दादा,
मुझको गले लगाओ ना।
“Nakoda Ke Bheru Meri Laaj Bachao Na ” || VAIBHAV SONI ||“नाकोड़ा के भेरू मेरी लाज बचाओ ना”Bhajan2024