ज्योति मंत्र लिरिक्स Jyoti Mantra Lyrics
दीपज्योतिः परं ज्योतिः,
दीप: ज्योतिर्जनार्दनः,
दीपो हरतु मे पापं,
दीप: ज्योर्तिनमोऽस्तुते।
अर्थात:
दीप की ज्योति परम ज्योति है,
दीपज्योति जनार्दन है,
हे दीप मेरे सभी पापों को हर लें,
हे दीपज्योति आपको प्रणाम।
शुभं करोतु कल्याणम्,
आरोग्यं सुखसम्पदः,
द्वेषबुद्धिविनाशाय,
दीप: ज्योतिर्नमोऽस्तुते।
अर्थात:
हे दीप ज्योति हमारा,
कल्याण करो शुभ करो,
आरोग्य और सुख,
संपात्ति प्रदान करें,
मेरे अंदर द्वेष की भावना का,
विनाश करें,
हे दीप ज्योति आपको प्रणाम।
दीप प्रज्ज्वलन मंत्र || ज्योति मंत्र||दीप ज्योति स्तोत्रं ||JYOTI MANTRA ||
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