परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् लिरिक्स Paritranay Sadhuna Bhajan Lyrics

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् लिरिक्स Paritranay Sadhuna Bhajan Lyrics


Latest Bhajan Lyrics

परित्राणाय साधूनां,
विनाशाय च दुष्कृताम्,
धर्मसंस्थापनार्थाय,
सम्भवामि युगे युगे।

बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके  बृज बाला,
ग्वाल बाल एक एक से पूछें,
कहाँ हैं मुरली वाला।

कोई ना जाए कुञ्ज गलिन में,
तुझ बिन कालिया चुनने को,
तरस रहे हैं यमुना के तट,
धुन मुरली की सुनने को,
अब तो दरस दिखा दे,
नटखट क्यूं दुविदा में डाला रे।

संकट में हैं आज वो धरती,
जिस पर तुने जन्म लिया,
पूरा करदे आज वचन वो,
गीता में जो तुने दिया,
कोई नहीं हैं तुझ बिन,
मोहन भारत का रखवाला।
 


आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.


पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

+

एक टिप्पणी भेजें