राहगीरा मिला कबीर से लिरिक्स Rahgira Mila Kabir Se Lyrics

राहगीरा मिला कबीर से लिरिक्स Rahgira Mila Kabir Se Lyrics


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क्या लेके आया बंदे,
क्या लेके जायेगा,
दो दिन की ज़िंदगी है,
दो दिन का मेला।

राहगीरा मिला कबीर से,
बोला सुन मेरे भाई,
खड़ा हूँ ऐसे मोड़ पर,
आगे कुआँ पीछे खाई,
कहा था तुमने ज़िंदगी है,
दो दिन की भाई,
मुझे दर्द में जीते
हो गये दिन ढाई।

बड़ा हुआ तो क्या हुआ,
जैसे पेड़ खजूर,
पंथी को छाया नहीं,
और फल लागे अति दूर।

राहगीरा कहे कबीर से,
बात है बहुत पुरानी,
तब खजूर भी छोटा था,
नीचे थी फल कि टहनी,
पर दुनिया उसको नोंच खा गई,
दिया कभी ना पानी,
फिर भाड़ में जाये दुनिया,
कह के चढ़ गया वो आसमानी।

कबीर खड़ा बाज़ार में,
माँगे सबकी ख़ैर,
ना काहू से दोस्ती,
और ना काहू से वैर।

राहगीर
मैं खड़ा रहा बाज़ार में,
रहा माँगता ख़ैर,
फिर बैठ के माँगी ख़ैर,
जब मेरे थक गये थे पैर,
फिर भी कोई खुश नहीं देखा,
सुबह शाम दोपहर,
दुख ने जो थे रिश्ते बांधे,
सुख ने कर दिये ढेर।


Rahgira Mila Kabira Se | Rahgir New Song



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