सुदामा चला जा रहा है Sudama Chala Ja Raha Hai
सुदामा चला जा रहा है,
वो सुदामा चला जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है,
कश्मकश में घिरा जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
बात बीवी की मानी भला मैंने क्यूँ,
ले लिया ये गलत फ़ैसला मैंने क्यूँ,
ख़ुद पे क़ाबू रखा न जरा मैंने क्यूँ,
काम जज़्बात से ले लिया मैंने क्यूँ,
बड़बड़ाता हुआ जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
मित्र हैं और भी मेरे जग में कई,
आज तक तो किसी से मदद न मिली,
कोई सुनता नहीं बात मजबूर की,
सौ दफ़ा बात ये जांच कर देखली,
बेवजह ही डरा जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
वक़्त होगा कहां पास गोपाल के,
भेज देगा वो टुकड़े से कुछ डाल के,
नाम सुनते ही बोलेगा वो टाल के,
क्या करूंगा मैं इस रोग को पाल के,
ख़ुद से लड़ता हुआ जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
फिर भी इक आस है एक विश्वास है,
कुछ तो है उसमें साहिल कि जो ख़ास है,
जग है पतझड़ तो वो श्याम मधुमास है,
दिल खिंचा जा रहा यार के पास है,
आंसुओं में ढला जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
सुदामा का दूसरा हिस्सा
वो सुदामा चला जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है
कश्मकश में घिरा जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
द्वारपालों हटो सामने से मेरे,
सिर्फ़ निर्धन हूं भिक्षुक न समझो मुझे,
वो जो बैठा है महलों में राजा बने,
मैं सुदामा हूं जाकर के बोलो उसे,
मिन्नतों में ढला जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
एक पल भी न महलों में रुक पाए हैं,
नाम सुनते ही दौड़े चले आए हैं,
मित्र से मित्र मिलने गले आए हैं,
फिर से बचपन के दिन वो भले आए हैं,
वक़्त जैसे रुका जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
पाओं धोते हुए आंसुओं से प्रभू,
देखते मित्र को हसरतों से प्रभू,
ज्यों भरत बैठा हो राम के सामने,
यूं सुदामा के सम्मुख हैं बैठे प्रभू,
भावना में बहा जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
मित्र से मित्र का ये मिलन देखिए,
देखना हो तो ये अपनापन देखिए,
दोस्ती की ये अद्भुत लगन देखिए,
दोस्ती में यूं होकर मगन देखिए,
कुछ भी अब न कहा जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
वो सुदामा चला जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है,
कश्मकश में घिरा जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
बात बीवी की मानी भला मैंने क्यूँ,
ले लिया ये गलत फ़ैसला मैंने क्यूँ,
ख़ुद पे क़ाबू रखा न जरा मैंने क्यूँ,
काम जज़्बात से ले लिया मैंने क्यूँ,
बड़बड़ाता हुआ जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
मित्र हैं और भी मेरे जग में कई,
आज तक तो किसी से मदद न मिली,
कोई सुनता नहीं बात मजबूर की,
सौ दफ़ा बात ये जांच कर देखली,
बेवजह ही डरा जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
वक़्त होगा कहां पास गोपाल के,
भेज देगा वो टुकड़े से कुछ डाल के,
नाम सुनते ही बोलेगा वो टाल के,
क्या करूंगा मैं इस रोग को पाल के,
ख़ुद से लड़ता हुआ जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
फिर भी इक आस है एक विश्वास है,
कुछ तो है उसमें साहिल कि जो ख़ास है,
जग है पतझड़ तो वो श्याम मधुमास है,
दिल खिंचा जा रहा यार के पास है,
आंसुओं में ढला जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
सुदामा का दूसरा हिस्सा
वो सुदामा चला जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है
कश्मकश में घिरा जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
द्वारपालों हटो सामने से मेरे,
सिर्फ़ निर्धन हूं भिक्षुक न समझो मुझे,
वो जो बैठा है महलों में राजा बने,
मैं सुदामा हूं जाकर के बोलो उसे,
मिन्नतों में ढला जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
एक पल भी न महलों में रुक पाए हैं,
नाम सुनते ही दौड़े चले आए हैं,
मित्र से मित्र मिलने गले आए हैं,
फिर से बचपन के दिन वो भले आए हैं,
वक़्त जैसे रुका जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
पाओं धोते हुए आंसुओं से प्रभू,
देखते मित्र को हसरतों से प्रभू,
ज्यों भरत बैठा हो राम के सामने,
यूं सुदामा के सम्मुख हैं बैठे प्रभू,
भावना में बहा जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
मित्र से मित्र का ये मिलन देखिए,
देखना हो तो ये अपनापन देखिए,
दोस्ती की ये अद्भुत लगन देखिए,
दोस्ती में यूं होकर मगन देखिए,
कुछ भी अब न कहा जा रहा है,
सोचता सोचता जा रहा है।
सुदामा चला जा रहा है | Sudama Chala Jaa Raha Hai | Anup Jalota Bhajan | Janmashtami Special Song
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |