काया मेरी माटी की ये हवेली लिरिक्स Kaya Meri Mati Ki Bhajan Lyrics
काया मेरी माटी की ये हवेली,
काया मेरी माटी की ये हवेली,
जग में बहुत घना दुख झेली,
काया मेरी माटी की ये हवेली,
जग में बहुत घना दुख झेली।
जब मेरी काया पांच बरस की,
काया मेरी सखियों के संग खेली,
काया मेरी माटी की ये हवेली,
जग में बहुत घना दुख झेली।
जब मेरी काया के आई हे जवानी,
काया मेरी खिल गई फूल चमेली,
काया मेरी माटी की ये हवेली,
जग में बहुत घना दुख झेली।
जब मेरी काया पर आया हे बुढ़ापा,
फेर मेरी खाट कुण में धकेली,
काया मेरी माटी की ये हवेली,
जग में बहुत घना दुख झेली।
जब मेरी काया के रोग लाग गया,
बहु बेटे बोले कड़वी बोली,
काया मेरी माटी की ये हवेली,
जग में बहुत घना दुख झेली।
जब मेरी काया का मरण होया हे,
ले चालो ले चालो हो री,
काया मेरी माटी की ये हवेली,
जग में बहुत घना दुख झेली।
चुन चुन लकड़ी चिता हे बनाई,
काया मेरी फूंक देई ज्यूं होली,
काया मेरी माटी की ये हवेली,
जग में बहुत घना दुख झेली।
फूंक फांक के जब घर आए,
बेटे बांटन लागे हेली,
काया मेरी माटी की ये हवेली,
जग में बहुत घना दुख झेली।
निर्गुण भजन | काया मेरी माटी की ये हवेली | Chetavni Bhajan | Nirgun Bhajan (Singer - Kajal Malik)
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Title ▹ Kaaya Meri Maati Ki Haweli
Artist ▹ Kajal
Singer ▹Kajal Malik
Music ▹ Pardeep Panchal
Lyrics & Composer ▹ Traditional
Editing ▹Max Ranga
Cameraman ▹Gulshan Bawa
Label ▹Geet Mithas
Artist ▹ Kajal
Singer ▹Kajal Malik
Music ▹ Pardeep Panchal
Lyrics & Composer ▹ Traditional
Editing ▹Max Ranga
Cameraman ▹Gulshan Bawa
Label ▹Geet Mithas
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