एकाक्षरी महामृत्युंजय मंत्र मृत संजीवनी महामंत्युंजय मंत्र

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एकाक्षरी महामृत्युंजय मंत्र- 'हौं'. स्वास्थ्य अच्छा बना रहे इसके लिए सुबह उठकर इस मंत्र का जाप करें.
त्रयक्षरी महामृत्युंजय मंत्र- 'ऊं जूं स:' जब आपको छोटी-छोटी बीमारियां परेशान करें तो ये मंत्र प्रभावशाली होता है. रात में सोने के पहले इस मंत्र का कम से कम 27 बार जाप करें. इससे आपको कोई भी बीमारी परेशान नहीं करेगी.
चतुराक्षी महामृत्युंजय मंत्र- 'ऊं हौं जूं स:' सर्जरी और दुर्घटना जैसी संभावनाएं हो तो ये मंत्र लाभकारी होता है सुबह शिव जी को जल अर्पित करके 3 माला जाप करना चाहिए, इससे हर दुर्घटना से बच सकेंगे.
दशाक्षरी महामृत्युंजय महामंत्र- 'ऊं जूं स: माम पालय पालय' इसे अमृत मृत्युंजय मंत्र कहते हैं जिसके लिए इस मंत्र का जाप करना है, उसका नाम इस मंत्र में प्रयोग करें. तांबे के बर्तन में जल भरकर उसके सामने इस मंत्र का जाप करें. फिर उस जल को उसे पिलाएं जिसे आयु या स्वास्थ्य की समस्या हो रही हों.

मृत संजीवनी महामंत्युंजय मंत्र-
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः
ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्‍धनान्
मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !!
ज्योतिषी कहते हैं कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से कोई भी रोग दूर हो जाता है.


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