SONG - TERE DARSHAN KO BAANKE BIHARI SINGER : RANJEET RAJA LYRICIST: RAM KRISHNA MUSIC DIRECTOR : RANJEET RAJA EDITOR - ANURADHA GOSWAMI
बांके बिहारी के दर्शन की तड़प ऐसी है कि आँखें प्यासी दर पर खड़ी हैं, जैसे कोई प्रेमी बरसों से प्रियतम की राह देख रहा हो। यह प्रीत साधारण नहीं, जन्मों का बंधन है, जो मुरली की तान से हृदय को बाँध लेता है। बिहारी जी की एक झलक ही जीवन को सार्थक कर देती है, मानो सारी थकान और दुख उस छवि में विलीन हो जाएँ।
ब्रज की गलियों में ग्वाले बनने की चाह है, जहाँ प्रभु के साथ कदम-से-कदम चल सकें। उनकी काली कमरिया की छटा देख, संग-संग जीवन नाच उठे। बैकुंठ की कामना नहीं, बस ब्रज की धूल में भिखारी बनकर रहने की लालसा है। वहाँ की हर गली, हर कण में बिहारी जी की लीला बसी है, जो मन को मोह लेती है। जैसे कोई बच्चा माँ की गोद में सुख पाता है, वही सुख ब्रज की गलियों में है।
जब जीवन की साँझ ढलने लगे, तब भी बस यही विनती है कि आँखों में बिहारी जी की मूरत बसी रहे। हर विचार, हर शब्द, हर कर्म में उनकी लीला ही गूँजे। रामकिशन की तरह मन कह उठता है—सब कुछ प्रभु की ब्रज-लीला है। यह भक्ति ऐसी है, जो निष्ठुरता को भी प्रेम में बदल देती है, और जीवन को उनकी भक्ति में रंग देती है।
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