तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार भजन
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार भजन
नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरि आप सम्हाले,
हरि आप ही उठायें तेरा भार, उदासी मन काहे को करे
काबू में मंझधार उसी के, हाथों में पतवार उसी के,
तेरी हार भी नहीं है तेरी हार, उदासी मन काहे को करे ..
सहज किनारा मिल जायेगा, परम सहारा मिल जायेगा,
डोरी सौंप के तो देख एक बार, उदासी मन काहे को करे ..
तू निर्दोष तुझे क्या डर है, पग पग पर साथी ईश्वर है,
सच्ची भावना से कर ले पुकार, उदासी मन काहे को करे
उदासी मन काहे को करे।
दोहा – राम नाम सोही जानिए,
जो रमता सकल जहान,
घट-घट में जो रम रहा,
उसको राम पहचान।
तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार,
उदासी मन काहे को करे,
काहे को डरे रे, काहे को डरे,
काहे को डरे रे, काहे को डरे,
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार,
उदासी मन काहे को करे।।
नैया तेरी राम हवाले,
लहर लहर हरि आप संभाले,
नैया तेरी राम हवाले,
लहर लहर हरि आप संभाले,
हरि आप ही उठावें तेरा भार,
उदासी मन काहे को करे,
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार,
उदासी मन काहे को करे।।
काबू में मझधार उसी के,
हाथों में पतवार उसी के,
तेरी हार भी नहीं है तेरी हार,
उदासी मन काहे को करे,
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार,
उदासी मन काहे को करे।।
सहज किनारा मिल जाएगा,
परम सहारा मिल जाएगा,
डोरी सौप के तो देख एक बार,
उदासी मन काहे को करे,
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार,
उदासी मन काहे को करे।।
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार,
उदासी मन काहे को करे,
काहे को डरे रे, काहे को डरे,
काहे को डरे रे, काहे को डरे,
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार,
उदासी मन काहे को करे।।
Tera Ramji Karenge Beda Paar Original Hariom Sharan [Full Song] I Premanjali Pushpanjali
जीवन की नाव जब मझधार में फंसती है, तब राम का नाम वह पतवार बनता है जो किनारे तक ले जाता है। हर लहर, हर तूफान में वह स्वयं नाविक है, जो न केवल नाव को संभालता है, बल्कि हर बोझ को भी उठाता है। जैसे कोई बच्चा मां की गोद में निश्चिंत हो जाता है, वैसे ही राम के आश्रय में मन की उदासी छंट जाती है।
हार-जीत का भय छोड़ दो, क्योंकि जो मझधार को वश में करता है, वही तुम्हारा संरक्षक है। संत की तरह विश्वास करो—राम की डोर थाम लो, एक बार सच्चे मन से पुकारो, किनारा सहज ही मिलेगा। चिंतक की भांति विचारो—डर क्यों? जब हर पग पर वह साथ है, जो घट-घट में रमता है। धर्मगुरु की सीख लो—निर्दोष हृदय से प्रभु को पुकारो, क्योंकि सच्ची भक्ति ही वह सेतु है, जो संसार सागर पार कराती है।
राम का नाम जपो, वह नहीं जो केवल मंदिर में है, वह जो हर हृदय में बसता है। उनकी कृपा से नाव पार लगती है, और मन का अंधेरा दूर होता है। बस, श्रद्धा से डोर थाम लो, डर और उदासी का कोई कारण नहीं।
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Author - Saroj Jangir
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