हारे का है सहारा ये श्याम हमारा लिरिक्स Haare Ka Hai Sahara Ye Shyam Lyrics, haare ka hai sahara ye shyam humara, श्रेणी : श्री खाटू श्याम जी भजन
जय जय बाबा श्याम..जय जय खाटू धाम
जय जय बाबा श्याम..जय जय खाटू धाम
जय जय बाबा श्याम..जय जय खाटू धाम
जय जय बाबा श्याम..जय जय खाटू धाम
ये राज दिलो पे करता है
खाटूवाला श्याम मेरा
भक्तों की झोली भरता है
खाटूवाला श्याम मेरा
दुनिया में श्याम के जैसा न कोई देव मिलेगा
तुम जय श्री श्याम कहोगे
ये बेड़ा पार करेगा..करेगा..करेगा..
अपना तो खाटूवाला..
बाबा बड़ा दिलवाला..लखदातार..
हारे का है सहारा..ये श्याम हमारा..
अपना तो खाटूवाला
भगतों का है रखवाला..लखदातार..
हारे का है सहारा..ये श्याम हमारा..
श्याम कलयुग अवतारी
ये लीले का असवारी
बाबा की महिमा सारे जग से न्यारी रे
जो भी शरण में आये
उसको ये गले लगाए
चरणो में शीश झुकाये दुनिया सारी रे
जो श्याम की किरपा होगी
बिन पानी नाव चला दे
गर साँवरिया चाहे तो
निर्धन को सेठ बना दे...बना दे..बना दे...
अपना तो खाटूवाला..
बाबा बड़ा दिलवाला..लखदातार..
हारे का है सहारा..ये श्याम हमारा..
जय जय बाबा श्याम..जय जय खाटू धाम
जय जय बाबा श्याम..जय जय खाटू धाम
आजा तू आजा प्यारे
श्याम की महिमा गाले
खाटूवाले का ये दरबार निराला रे
श्याम की किरपा होगी
खुशियों की वर्षा होगी
खुल जायेगा तेरी किस्मत का ताला रे
बाबा का दर है सच्चा
पल पल ये देता परचा
घर घर में जाके देखो
है श्याम धनि की चर्चा...चर्चा..चर्चा..
अपना तो खाटूवाला..
बाबा बड़ा दिलवाला..लखदातार..
हारे का है सहारा..ये श्याम हमारा..
कहीं तू लीले वाला
कहीं अहिले का लाला
कोई कहता है तुझको श्याम कन्हइया रे
तू है हारे का साथी
मेरी नइया का मांझी
भगतों की नइया का तू ही खेवइया रे
जो माँगा है पाया है
जो शरण तेरी आया है
ये जग सारा साँवरिया सब तेरी ही माया है..माया है..माया है..
अपना तो खाटूवाला..
बाबा बड़ा दिलवाला..लखदातार..
हारे का है सहारा..ये श्याम हमारा..
भगतों का काम बनाये
हांथो में जब लहराए
बाबा की मोरछड़ी है जादूगरी रे
इसका झाड़ा लगवा ले
अपनी किस्मत चमका ले
मोरछड़ी बाबा को लगती प्यारी रे
जब श्याम के हाथो में ये मोरछड़ी घूमेगी
सौरभ मधुकर के संग में दुनिया सारी झुमेगी..झुमेगी..झुमेगी..
अपना तो खाटूवाला..
बाबा बड़ा दिलवाला..लखदातार..
हारे का है सहारा..ये श्याम हमारा..
ये राज दिलो पे करता है
खाटूवाला श्याम मेरा
भक्तों की झोली भरता है
खाटूवाला श्याम मेरा
दुनिया में श्याम के जैसा न कोई देव मिलेगा
तुम जय श्री श्याम कहोगे
ये बेड़ा पार करेगा..करेगा..करेगा..
अपना तो खाटूवाला..
बाबा बड़ा दिलवाला..लखदातार..
हारे का है सहारा..ये श्याम हमारा..
भक्तों के हर दुःख दर्द दूर करते हैं श्री खाटू श्याम जी : श्री श्याम बाबा को खाटू नरेश भी कहा जाता है और अपने भक्तों के हर दुःख दर्द दूर करते हैं। श्री श्याम बाबा सीकर जिले के खाटू नगर में विराजमान है। श्री खाटू श्याम बाबा को श्री कृष्ण जी से आशीर्वाद प्राप्त था की वे कलयुग में कृष्ण जी के अवतार के रूप में पूजे जाएंगे और इनकी शरण में आने वाले की हर पीड़ा को स्वंय भगवान् श्री कृष्ण हर लेंगे। श्री खाटू श्याम जी के मुख मंदिर के अलावा दर्शनीय स्थलों में श्री श्याम कुंड और श्याम बगीची भी हैं जो मंदिर परिसर के पास में ही स्थित हैं।
श्री खाटू श्याम जी को हारे का सहारा कहा जाता है। खाटू श्याम जी कथा का उल्लेख महाभारत की कथा में आता है। खाटू श्याम जी का नाम बर्बरीक था और वे घटोत्कच के पुत्र थे। इनकी माता का नाम नाग कन्या मौरवी था। जन्म के समय बर्बरीक का शरीर मानो किसी बब्बर शेर के सामान विशाल काय था इसलिए निका नामकरण बर्बरीक कर दिया गया। बर्बरीक बाल्यकाल से ही शारीरिक शक्ति से भरे थे और शिव के महान भक्त थे। श्री शिव ने ही बर्बरीक की तपस्या से प्रशन्न होकर इन्हे ३ चमत्कारिक शक्तियां आशीर्वाद स्वरुप दी थी। ये तीन शक्तियां उनके बाण ही थे जो स्वंय श्री शिव ने उन्हें दिए थे। उनका दिव्य धनुष भगवान् अग्नि देव के द्वारा दिया गया था। कौरव पांडवो के युद्ध में बर्बरीक ने अपनी माँ का आशीर्वाद लेकर हारने वाले पक्ष की और से लड़ने तय किया जिसके कारन उन्हें हारे का हरीनाम से जाना जाता है।
श्री खाटू श्याम जी को हारे का सहारा कहा जाता है। खाटू श्याम जी कथा का उल्लेख महाभारत की कथा में आता है। खाटू श्याम जी का नाम बर्बरीक था और वे घटोत्कच के पुत्र थे। इनकी माता का नाम नाग कन्या मौरवी था। जन्म के समय बर्बरीक का शरीर मानो किसी बब्बर शेर के सामान विशाल काय था इसलिए निका नामकरण बर्बरीक कर दिया गया। बर्बरीक बाल्यकाल से ही शारीरिक शक्ति से भरे थे और शिव के महान भक्त थे। श्री शिव ने ही बर्बरीक की तपस्या से प्रशन्न होकर इन्हे ३ चमत्कारिक शक्तियां आशीर्वाद स्वरुप दी थी। ये तीन शक्तियां उनके बाण ही थे जो स्वंय श्री शिव ने उन्हें दिए थे। उनका दिव्य धनुष भगवान् अग्नि देव के द्वारा दिया गया था। कौरव पांडवो के युद्ध में बर्बरीक ने अपनी माँ का आशीर्वाद लेकर हारने वाले पक्ष की और से लड़ने तय किया जिसके कारन उन्हें हारे का हरीनाम से जाना जाता है।