झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी भजन

झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी भजन

झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी
झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी,
चालौ चालौ रे,
चालौ चालौ रे, बुलावे राणी सती दादी,
झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी ॥

भादो आयो मेलो भरसी, भादो आयो मेलो भरसी,
झुंझुनू में भारी,
दादी के मंदिर में जाने की कर ल्यो सब तैयारी,
ले ल्यो, ले ल्यो रै, चुनर एक लाल सारी, महंगी सारी,
झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी,
झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी,

आयो रे सुनार पति से, आयो रे सुनार पति से
बोल रही है पत्नी, बोल रही है पत्नी,
आज चढाने ल्यो रे दादी जी एक सोने की नथनी,
मंगवा ल्यो रे सुनार से पूजा की थाली, सोने की थाली,
झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी,
झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी....

झुंझुनू जावै लोग लुगाई, झुंझुनू जावै लोग लुगाई,
जावे सुसरो सासू, जावे सुसरो सासू,
टाबर बोले म्हे भी ज्या सां,
लागे लागे रे, टाबरिया की टिकट आधी, टिकट आधी,
झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी,
झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी.....

साँचे मन से जाए जुगनू, साँचे मन से जाए जुगनू,
दादी ने रिझाओ, दादी ने रिझाओ,
दादी जी दातार घनेरा, मन इच्छा फल पाओ,
बोले बोले रे, राजीव आई मावस भागी,
झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी,
झुंझुनू जावेली छुक छुक रेल गाड़ी......

झुंझनु जावेली छुक छुक रेल गाड़ी , चालो बुलावे रानी सती दादी | 2021 New Dadi Bhajan | Manmohan Rajeev

Song :- Chalo Bulawe Rani Sati Dadi 
Singer :- Manmohan Rajeev Soni 
Lyrics :- Manmohan Rajeev Soni
Music :- Dhavan Anand 
Video :- Shubham Gupta

भक्त का मन जब राणी सती दादी की भक्ति में रमता है, तब वह झुंझुनू के पवित्र धाम की ओर खिंचा चला जाता है, मानो छुक-छुक रेल गाड़ी उसे दादी के चरणों तक ले जाए। भाद्रपद का मेला हो, जब सारा झुंझुनू श्रद्धालुओं से गूँज उठता है, भक्त अपने मन में उत्साह और श्रद्धा लिए दादी के मंदिर की तैयारी करता है। लाल चुनरी, महँगी सारी, सोने की नथनी और पूजा की थाली लेकर वह दादी की सेवा में तत्पर होता है। यह भक्ति का वह भाव है, जो भक्त के हृदय को पवित्र करता है और उसे दादी की कृपा का पात्र बनाता है। पूरा परिवार—सास, सुसर, लुगाई, और यहाँ तक कि बच्चे भी—इस यात्रा में शामिल होकर दादी के दर्शन की लालसा रखते हैं। यह उत्साह और समर्पण दादी के प्रति अटूट प्रेम और विश्वास को दर्शाता है, जो भक्तों को उनके शक्तिधाम की ओर आकर्षित करता है।

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