बाला मैं बैरागण हूंगी मीरा भजन
बाला मैं बैरागण हूंगी मीरा भजन
बाला मैं बैरागण हूंगी
बाला मैं बैरागण हूंगी।
जिन भेषां म्हारो साहिब रीझे, सोही भेष धरूंगी।
सील संतोष धरूँ घट भीतर, समता पकड़ रहूंगी।
जाको नाम निरंजन कहिये, ताको ध्यान धरूंगी।
गुरुके ग्यान रंगू तन कपड़ा, मन मुद्रा पैरूंगी।
प्रेम पीतसूँ हरिगुण गाऊँ, चरणन लिपट रहूंगी।
या तन की मैं करूँ कीगरी, रसना नाम कहूंगी।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, साधां संग रहूंगी।
बाला मैं बैरागण हूंगी।
जिन भेषां म्हारो साहिब रीझे, सोही भेष धरूंगी।
सील संतोष धरूँ घट भीतर, समता पकड़ रहूंगी।
जाको नाम निरंजन कहिये, ताको ध्यान धरूंगी।
गुरुके ग्यान रंगू तन कपड़ा, मन मुद्रा पैरूंगी।
प्रेम पीतसूँ हरिगुण गाऊँ, चरणन लिपट रहूंगी।
या तन की मैं करूँ कीगरी, रसना नाम कहूंगी।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, साधां संग रहूंगी।
बैरागन बनने का संकल्प वह पवित्र आकांक्षा है, जो मीरा के हृदय को प्रभु के प्रति समर्पित करती है। वह भेष धारण करने की बात, जो प्रभु को रिझाए, वह सादगी और भक्ति का प्रतीक है, जो बाहरी दिखावे से परे, मन की शुद्धता को अपनाती है। यह भक्ति वह दीप है, जो हृदय को प्रभु के प्रकाश से भर देता है।
सील, संतोष, और समता को हृदय में धारण करना, वह आंतरिक साधना है, जो मन को स्थिर और निर्मल रखती है। निरंजन प्रभु का ध्यान, गुरु के ज्ञान से रंगे तन-मन, और प्रेम से भरे हरि के गुणों का गान, यह वह रंग है, जो आत्मा को प्रभु के रंग में रंग देता है। चरणों से लिपटना, वह समर्पण है, जो भक्त को प्रभु का दास बना देता है।
इस तन को कीगरी बनाकर, रसना से केवल प्रभु का नाम जपना, और साधु-संगति में रहना, यह मीरा की अनन्य भक्ति है। गिरधर के साथ यह बंधन वह नदी है, जो उनके चरणों में बहती हुई, आत्मा को प्रेम में डुबो देती है, और जीवन को उनकी कृपा के रंग से सराबोर कर देती है।
सील, संतोष, और समता को हृदय में धारण करना, वह आंतरिक साधना है, जो मन को स्थिर और निर्मल रखती है। निरंजन प्रभु का ध्यान, गुरु के ज्ञान से रंगे तन-मन, और प्रेम से भरे हरि के गुणों का गान, यह वह रंग है, जो आत्मा को प्रभु के रंग में रंग देता है। चरणों से लिपटना, वह समर्पण है, जो भक्त को प्रभु का दास बना देता है।
इस तन को कीगरी बनाकर, रसना से केवल प्रभु का नाम जपना, और साधु-संगति में रहना, यह मीरा की अनन्य भक्ति है। गिरधर के साथ यह बंधन वह नदी है, जो उनके चरणों में बहती हुई, आत्मा को प्रेम में डुबो देती है, और जीवन को उनकी कृपा के रंग से सराबोर कर देती है।
Meerabai Bhajan - Bala main bairagan hoongi with Lyrics Voice by Vani Jairam