आज़ादी इलाही ख़ैर वो हरदम नई बेदाद करते हैं लिरिक्स Ajadi Ilahi Khair Lyrics

आज़ादी इलाही ख़ैर वो हरदम नई बेदाद करते हैं लिरिक्स Ajadi Ilahi Khair Lyrics Patriotic Songs Hindi Lyrics देश भक्ति गाने कविताएँ गीत

आज़ादी-इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं
इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं।
हमें तोहमत लगाते हैं, जो हम फ़रियाद करते हैं।

कभी आज़ाद करते हैं, कभी बेदाद करते हैं।
मगर इस पर भी हम सौ जी से उनको याद करते हैं।

असीराने-क़फ़स से काश, यह सैयाद कह देता,
रहो आज़ाद होकर, हम तुम्हें आज़ाद करते हैं।

रहा करता है अहले-ग़म को क्या-क्या इंतज़ार इसका,
कि देखें वो दिले-नाशाद को कब शाद करते हैं।

यह कह-कहकर बसर की, उम्र हमने कै़दे-उल्फ़त में,
वो अब आज़ाद करते हैं, वो अब आज़ाद करते हैं।

सितम ऐसा नहीं देखा, जफ़ा ऐसी नहीं देखी,
वो चुप रहने को कहते हैं, जो हम फ़रियाद करते हैं।

यह बात अच्छी नहीं होती, यह बात अच्छी नहीं करते,
हमें बेकस समझकर आप क्यों बरबाद करते हैं?

कोई बिस्मिल बनाता है, जो मक़तल में हमें ‘बिस्मिल’,
तो हम डरकर दबी आवाज़ से फ़रियाद करते हैं।



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