तेरी जय हो माँ शेरोवाली भजन

तेरी जय हो माँ शेरोवाली करती सबकी रखवाली

 आओ आओ रे भक्तो,
ढोल बजाओ,
हाँ हाँ ढोल बजाओ,
झूमो, नाचो रे गाओ,
माँ को मनाओ,
हाँ हाँ माँ को मनाओ,
आए हैं मैया के नवराते,
मैया से करनी हैं बातें,
सारे जहाँ से निराली,
माँ शेरोवाली,
माँ ज्योता वाली,
तेरी जय हो माँ शेरोवाली,
करती सबकी रखवाली।।

प्रथम शैलपुत्री को मनाओ,
मन में ज्योत जलाओ,
द्वितीय सुमिरो ब्रह्मचारिणी,
मनवांछित फल पाओ,
अरे, तीसरे दिन को माँ चंद्रघंटा,
भर देगी झोली खाली,
जय हो माँ शेरोवाली,
करती सबकी रखवाली।।

चौथे दिन माँ शेरोवाली,
कूष्मांडा रूप बनाए,
पाँचवें दिन को स्कंदमाता,
भक्तों को दर्शन दिखाए,
अरे, कात्यायनी माँ को छठवें दिन,
पूजे ये दुनिया सारी,
जय हो माँ शेरोवाली,
करती सबकी रखवाली।।

सातवें दिन को माँ कालरात्रि,
दुखड़े दूर भगाए,
आठवें दिन महागौरी मैय्या,
भक्तों के घर में आए,
अरे, नवमी तिथि को माँ सिद्धिदात्री,
घर में करे खुशहाली,
जय हो माँ शेरोवाली,
करती सबकी रखवाली।।

नवदुर्गाएँ दौड़ी आए,
जब कोई भक्त पुकारे,
सुख, समृद्धि, धन-दौलत से,
सबके भरे भंडारे,
अरे, लव और कुश भी जन्म-जन्म तक,
बन गए माँ के पुजारी,
जय हो माँ शेरोवाली,
करती सबकी रखवाली।।
पुनरावृत्ति (Refrain)
आओ आओ रे भक्तो,
ढोल बजाओ,
हाँ हाँ ढोल बजाओ,
झूमो, नाचो रे गाओ,
माँ को मनाओ,
हाँ हाँ माँ को मनाओ,
आए हैं मैया के नवराते,
मैया से करनी हैं बातें,
सारे जहाँ से निराली,
माँ शेरोवाली,
माँ ज्योता वाली,
तेरी जय हो माँ शेरोवाली,
करती सबकी रखवाली।।


Teri Jai Ho Maa Sherowali तेरी जय हो माँ शेरोंवाली भजन #matarani #luvkushbandhu #maiya #virelvideo

सुंदर भजन में माँ दुर्गा की महिमा को उत्साह और श्रद्धा के साथ प्रदर्शित किया गया है। इसमें भक्तों की हृदय-गति के समान ताल है, जो भक्ति और उल्लास को जागृत करता है। माँ शेरोवाली की कृपा से हर दुःख दूर होता है, और उनकी उपासना भक्त को सुख-समृद्धि प्रदान करती है।

नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के विभिन्न स्वरूपों की आराधना की जाती है, जो जीवन के विविध पक्षों को संवारती है। शैलपुत्री से शक्ति, ब्रह्मचारिणी से ज्ञान, चंद्रघंटा से शांति, कूष्मांडा से समृद्धि और स्कंदमाता से वात्सल्य प्राप्त होता है। इसी तरह कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री जीवन में शुभता और संतोष की अनुभूति कराती हैं।

भक्त जब माँ को पुकारते हैं, तो नवदुर्गाएँ उनकी रक्षा के लिए दौड़कर आती हैं। माँ की भक्ति केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि जीवन को सफल बनाने वाली भी होती है। उनके चरणों में समर्पण करने से मनुष्य सांसारिक कष्टों से मुक्त होकर दिव्यता की ओर अग्रसर होता है।

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