चाहत में हमने श्याम की खुद को मिटा दिया लिरिक्स Chahat Me Hamane Shyam Lyrics, Krishna Bhajan
चाहत में हमने श्याम की,खुद को मिटा दिया,
चाहत में हमने आप की,
खुद को मिटा दिया,
वो याद ना करते है हमको,
वो याद ना करते है हमको,
जिन्हे अपना बना लिया,
चाहत में हमने श्याम की,
खुद को मिटा दिया।
काबिल तो नहीं पर शौक तो है,
दीदार तेरे का मनमोहन,
इसी आस पे जीवन की,
मैं बाजी लगायी बैठी हूँ,
हम जिसे देखने को जिए जा रहे हैं,
वो पर्दा पे पर्दा किये जा रहे हैं,
मेरा शीशा दिल ये हिफाज़त से रखना,
अपना समझ कर जीए जा रहे हैं,
तुम देखो न देखो प्यारे,
ये है तुम्हारी मर्ज़ी,
मैंने तो तेरे दर पे,
मैंने तो तेरे दर पे,
सर को झुका दिया है,
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया,
चाहत में हमने श्याम की,
खुद को मिटा दिया।
उनकी चाहत में है,
अब ये हालत हमारी,
के आँखों से आंसू बहे जा रहे हैं,
आस पे तकते हैं राहें हम उनकी,
वो अब चल चुके हैं,
वो अब आ रहे हैं,
हंसना ते उसदी आदत सी,
असी गलत अंदाजा ला बैठे,
तुसी हसदे हसदे वसदे रहे,
असी अपना आप गँवा बैठे,
तेरा दर्द दिल में रखना,
तुझे याद करके रोना ,
जीवन का अपने मैंने,
जीवन का अपने मैंने,
मकसद बना लिया है,
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया,
चाहत में हमने श्याम की,
खुद को मिटा दिया।
कहते हो तुम रो ना रो ना,
पर अपने को तो रोना है,
तेरे चरण कमल पर रगड़ रगड़,
कब अपने मन को धोना है,
नैनो की गंगा यमुना से,
तेरे चरण कमल को धोना है,
तुम बनो ना बनो हमारे पिया,
हमको तो तुम्हारा होना है,
मुश्किल है याद तेरी,
इक पल भी भूल पाए,
पगली को याद रखना,
पगली को याद रखना,
तुम्हे अपना बना लिया है,
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया,
चाहत में हमने श्याम की,
खुद को मिटा दिया।
चाहत में हमने श्याम की,
खुद को मिटा दिया,
चाहत में हमने आप की,
खुद को मिटा दिया,
वो याद ना करते हैं हमको,
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया,
चाहत में हमने श्याम की,
खुद को मिटा दिया।
चाहत में हमने श्याम की | Chahat Mai Hamne Shyam Ki | श्याम भजन | Shyam Bhajan | Sadhvi Purnima Ji
"चाहत में हमने श्याम की, खुद को मिटा दिया" भजन एक कृष्ण भजन है, जो हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय भगवान हैं। भजन में, एक भक्त अपने प्यार के लिए कृष्ण के प्रति अपनी गहरे जुनून और समर्पण को व्यक्त करता है।
भजन के पहले छंद में, भक्त कहता है कि उसने कृष्ण की चाहत में खुद को मिटा दिया है। वह कहता है कि वह कृष्ण के बिना नहीं रह सकता, और वह उनके लिए सब कुछ है।
दूसरे छंद में, भक्त कहता है कि वह कृष्ण के मिलने की उम्मीद में जी रहा है। वह कहता है कि वह चाहता है कि कृष्ण उसे याद करें और उसे अपना समझें।
तीसरे छंद में, भक्त कहता है कि वह कृष्ण के लिए अपने प्यार के लिए पीड़ित है। वह कहता है कि वह कृष्ण के बिना खुश नहीं हो सकता, और वह उनकी याद में रोता है।
चौथे छंद में, भक्त कहता है कि वह कृष्ण के बिना नहीं जी सकता। वह कहता है कि वह कृष्ण को अपना बना लेगा, भले ही कृष्ण उसे याद न करें।
भजन एक शक्तिशाली अभिव्यक्ति है प्रेम और जुनून। यह हमें याद दिलाता है कि प्यार एक शक्तिशाली भावना है जो हमें खुद को खोने और दूसरों के लिए सब कुछ करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
"चाहत में हमने श्याम की, खुद को मिटा दिया" का अर्थ है कि भक्त ने कृष्ण की चाहत में अपना व्यक्तित्व और पहचान खो दी है। वह कृष्ण के लिए इतना पागल है कि वह खुद को उनके लिए समर्पित कर देता है।
"वो याद ना करते हैं हमको, जिनहे अपना बना लिया" का अर्थ है कि भक्त को पता है कि कृष्ण उसे याद नहीं करते हैं। वह उन्हें अपना मानता है, लेकिन वह जानता है कि वे उसे नहीं मानते हैं।
"चाहत में हमने श्याम की, खुद को मिटा दिया" का अर्थ है कि भक्त कृष्ण के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार है। वह जानता है कि वह उन्हें कभी नहीं पा सकता, लेकिन वह फिर भी उनकी चाहत में जीने का फैसला करता है।
भजन के पहले छंद में, भक्त कहता है कि उसने कृष्ण की चाहत में खुद को मिटा दिया है। वह कहता है कि वह कृष्ण के बिना नहीं रह सकता, और वह उनके लिए सब कुछ है।
दूसरे छंद में, भक्त कहता है कि वह कृष्ण के मिलने की उम्मीद में जी रहा है। वह कहता है कि वह चाहता है कि कृष्ण उसे याद करें और उसे अपना समझें।
तीसरे छंद में, भक्त कहता है कि वह कृष्ण के लिए अपने प्यार के लिए पीड़ित है। वह कहता है कि वह कृष्ण के बिना खुश नहीं हो सकता, और वह उनकी याद में रोता है।
चौथे छंद में, भक्त कहता है कि वह कृष्ण के बिना नहीं जी सकता। वह कहता है कि वह कृष्ण को अपना बना लेगा, भले ही कृष्ण उसे याद न करें।
भजन एक शक्तिशाली अभिव्यक्ति है प्रेम और जुनून। यह हमें याद दिलाता है कि प्यार एक शक्तिशाली भावना है जो हमें खुद को खोने और दूसरों के लिए सब कुछ करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
"चाहत में हमने श्याम की, खुद को मिटा दिया" का अर्थ है कि भक्त ने कृष्ण की चाहत में अपना व्यक्तित्व और पहचान खो दी है। वह कृष्ण के लिए इतना पागल है कि वह खुद को उनके लिए समर्पित कर देता है।
"वो याद ना करते हैं हमको, जिनहे अपना बना लिया" का अर्थ है कि भक्त को पता है कि कृष्ण उसे याद नहीं करते हैं। वह उन्हें अपना मानता है, लेकिन वह जानता है कि वे उसे नहीं मानते हैं।
"चाहत में हमने श्याम की, खुद को मिटा दिया" का अर्थ है कि भक्त कृष्ण के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार है। वह जानता है कि वह उन्हें कभी नहीं पा सकता, लेकिन वह फिर भी उनकी चाहत में जीने का फैसला करता है।