घणी दूर से दोड़्यो थारी गाडुली के लार लिरिक्स Ghani Dur Se Dodyo Lyrics

घणी दूर से दोड़्यो थारी गाडुली के लार लिरिक्स Ghani Dur Se Dodyo Lyrics, Krishna Bhajan by Jaya Kishori Ji

 
घणी दूर से दोड़्यो थारी गाडुली के लार लिरिक्स Ghani Dur Se Dodyo Lyrics

घणी दूर से दोड़्यो,
थारी गाडुली के लार,
गाड़ी में बिठाले रे बाबा,
जाणों है नगर अंजार।

नरसी बोल्यो म्हारे सागे के करसी,
ओढ़न कपडा नाही बैठसि यां मरसि,
बूढ़ा बैल टूटेड़ी गाडी पैदल जावे हार,
गाड़ी में बिठा ले रे बाबा,
जाणों है नगर अंजार।

ज्ञान दासजी कहवे गाडुली तोड़ेगा,
ज्ञान दासजी कहवे तुमड़ा फोड़ेगा,
घणी भीड़ में टूट जावे म्हारे ईकतारा रो तार,
गाड़ी में बिठा ले रे बाबा,
जाणों है नगर अंजार।

नानी बाई रो भात देखबा चालूगो,
पूर्ण पावलो थाली में भी डालूँगो,
दोय चार दिन चोखा चोखा
जीमूँ जीमन वाल,
गाड़ी में बिठा ले रे बाबा,
जाणों है नगर अंजार।

जोड़े ऊपर बैठ हाक सूं में नारा,
थे करज्यो आराम दाब सू पग थारा,
घणी चार के तड़के
थाने पहुचा देऊँ अंजार,
गाड़ी में बिठा ले रे बाबा,
जाणों है नगर अंजार।

टूट्योड़ी गाडी भी आज विमान बनी,
नरसी गावे भजन सुणे
खुद श्याम धणी,
सूर्या सगळा पीठ थपे  
अरेरे जीवतो रे मोट्यार,
गाड़ी में बिठा ले रे बाबा,
जाणों है नगर अंजार।

घणी दूर से दोड्यो,
थारी गाडूली के लार,
गाड़ी में बिठा ले रे बाबा,
जाणों है नगर अंजार।
 

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