है गुलशन में तू है बहारो में तू लिरिक्स
है गुलशन में तू है बहारो में तू
बहारो में तू
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
है पर्वत पे धरती पे आकाश में,
आकाश में,
तू हर दिल की धड़कन में,
हर साँस में, हर साँस में,
है नज़रो में हर नजारों में तू,
नजारों में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
है भजनो में गजलो में,
हर गीत में, तू हर गीत में,
तू हारे का साथी है हर जीत में,
तू हर जीत में,
है भक्तो के प्यारे जयकारो में तू,
जयकारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
नगीने में नग में,
तेरा नूर है, तेरा नूर है,
तू कण कण में रहता है,
नही दूर है नही दूर है,
है हीरे में मोती में,
हारो में तू हारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
जहाँ ज्योत जलती वही श्याम है,
वही श्याम है,
भक्तो के दिल में तेरा धाम है,
तेरा धाम है,
है ‘भोली’ कहे एक हज़ारो में तू,
हज़ारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
है गुलशन में तू है बहारो में तू,
बहारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
बहारो में तू
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
है पर्वत पे धरती पे आकाश में,
आकाश में,
तू हर दिल की धड़कन में,
हर साँस में, हर साँस में,
है नज़रो में हर नजारों में तू,
नजारों में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
है भजनो में गजलो में,
हर गीत में, तू हर गीत में,
तू हारे का साथी है हर जीत में,
तू हर जीत में,
है भक्तो के प्यारे जयकारो में तू,
जयकारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
नगीने में नग में,
तेरा नूर है, तेरा नूर है,
तू कण कण में रहता है,
नही दूर है नही दूर है,
है हीरे में मोती में,
हारो में तू हारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
जहाँ ज्योत जलती वही श्याम है,
वही श्याम है,
भक्तो के दिल में तेरा धाम है,
तेरा धाम है,
है ‘भोली’ कहे एक हज़ारो में तू,
हज़ारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
है गुलशन में तू है बहारो में तू,
बहारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।
है गुलशन में तू । ओ साँवरे । मुकेश बागड़ा | Shyam Bhajan | Hindi Devotional
है गुलशन में तू है बहारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारों में तू ,
है पर्वत पे धरती पे आकाश में आकाश में,
तू हर दिल की धड़कन में हर सांस में हर सांस में,
है नजरो में नजारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारों में तू ,
है भजनो में ग़जलों ने हर गीत में तू हर गीत में,
तू हारे का साथी है तू हर जीत में,
यह भगतो के प्यारे जय कारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारों में तू ,
नगीने में नग में तेरा नूर है तेरा नूर है,
तू कण कण में रहता नहीं दूर है,
एह हीरे में मोती में हारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारों में तू,
जहा जोत जलती वही श्याम वही श्याम है,
भक्तो के दिल में तेरा धाम है,
है भोली कहे हज़ारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारों में तू ,
