सच्चे मन से माँ की ज्योत तुम जगाओ भजन
(मुखड़ा)
सच्चे मन से माँ की,
ज्योति तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।।
(अंतरा)
यही है दुर्गा, यही माँ काली,
चाहे किसी भी रूप में मनाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।
सच्चे मन से माँ की,
ज्योति तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।।
धन, यश, सुख सब देने वाली,
माँ से भंडार तुम भरवाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।
सच्चे मन से माँ की,
ज्योति तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।।
तन-मन कर दो माँ को समर्पण,
शेर चरणों में शीश तुम नवाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।
सच्चे मन से माँ की,
ज्योति तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।।
जगदाती की कर लो पूजा,
बस दाती के ही हो जाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।
सच्चे मन से माँ की,
ज्योति तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
सच्चे मन से माँ की,
ज्योति तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।।
माँ की ज्योत तुम जलाओ | मातारानी पावन भजन | Matarani Bhajan | Navratre Special Bhajan | #BhaktiDhara
Song: माँ की ज्योत तुम जलाओ
Singer: Mukesh Kumar
Lyrics: Dinesh Deepak
Music: Bittu Sonkar
Editor: Anil Kumar