जय जय हे जगदम्बे माता भजन
जय जय हे जगदम्बे माता भजन
द्वार तिहारे जो भी आता,
बिन माँगे सब कुछ पा जाता,
जय जय हे जगदम्बे माता,
जय जय हे जगदम्बे माता।।
तू चाहे तो जीवन दे दे,
चाहे पल में जीवन ले ले,
तू चाहे तो जीवन दे दे,
चाहे तो पल में जीवन ले ले,
जन्म मरण सब हाथ में तेरे,
हे शक्ति हे माता,
जय जय हे जगदम्बे माता,
जय जय हे जगदम्बे माता।।
पापी हो या कोई पुजारी,
राजा हो या कोई भिखारी,
पापी हो या कोई पुजारी,
राजा हो या कोई भिखारी,
फिर भी तूने जोड़ा सबसे,
माँ बेटे का नाता,
जय जय हे जगदम्बे माता,
जय जय हे जगदम्बे माता।।
जब-जब जिसने तुझको पुकारा,
तूने दिया है बढ़के सहारा,
हर भूले राही को तेरा,
प्यार ही राह दिखाता,
जय जय हे जगदम्बे माता,
जय जय हे जगदम्बे माता।।
जय जय हे जगदम्बे माता,
द्वार तिहारे जो भी आता,
बिन माँगे सब कुछ पा जाता,
जय जय हे जगदम्बे माता,
जय जय हे जगदम्बे माता।।
Jai Jai He Jagadambe Mata (1) | Lata Mangeshkar - Dharmendra ,Kishore Kumar
जगदम्बे माँ का दरबार हर दिल की पुकार सुनता है। वहाँ न कोई छोटा, न बड़ा—सब उनके बच्चे हैं। पापी हो या पुजारी, राजा हो या भिखारी, माँ सबको गले लगाती है, जैसे कोई माँ अपने बच्चों में कभी भेद न करे। उनके चरणों में सिर झुकाओ, तो बिन माँगे हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
माँ की शक्ति अनंत है—वो जीवन दे भी सकती है, और पल में सब ले भी। फिर भी, उनका प्यार हर भटके राही को राह दिखाता है। एक बार एक व्यापारी, जिसने सब खो दिया था, माँ के सामने सिर्फ़ प्रार्थना की। कुछ ही दिनों में उसकी ज़िंदगी फिर से सँवर गई—ऐसा है माँ का करम, जो कभी खाली नहीं लौटाता।
जब-जब मन डूबने लगे, माँ का नाम लेने से सहारा मिल जाता है। वो हर कदम पर साथ चलती है, जैसे कोई छाया कभी साथ न छोड़े। बस, यही अरदास है कि माँ की कृपा सदा बनी रहे, क्यूंकि उनके बिना ये जग सूना है। जय जय हे जगदम्बे माता।
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