अब किसी महफ़िल में जाने की लिरिक्स
अब किसी महफ़िल में जाने,
की हमें फुरसत नहीं,
दुनियां वालों को मनाने,
की हमें फुर्सत नहीं।
एक दिल है जिसमे मेरा,
बस गया है सांवरा,
अब कही दिल को लगाने,
की हमें फुर्सत नहीं,
अब किसी महफिल में जाने की,
हमें फुर्सत नहीं,
दुनियां वालों को मनाने,
की हमें फुर्सत नहीं।
ये जो आंखे है हमारी,
मिल गयी है श्याम से,
अब कही आँखे मिलाने,
की हमें फुर्सत नहीं,
अब किसी महफिल में जाने की,
हमें फुर्सत नहीं,
दुनियां वालों को मनाने,
की हमें फुर्सत नहीं।
एक सर है झुक गया जो,
आपके दरबार में,
अब कही सर को झुकाने,
की हमें फुर्सत नहीं,
अब किसी महफिल में जाने की,
हमें फुर्सत नहीं,
दुनियां वालों को मनाने,
की हमें फुर्सत नहीं।
अब किसी महफ़िल में जाने,
की हमें फुरसत नहीं,
दुनियां वालों को मनाने,
की हमें फुर्सत नहीं। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं