नन्द लाला ने बरसाने में, खेली ऐसी होली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे, तन मन चोला साड़ी चुनर, भीज गई मेरी चोली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे, मैं तो साँवरिया की हो ली रै।
गालन पे मेरे रंग लगाय के, तिरछे तिरछे नैन चलाय के, कह गयो मीठी बोली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे, मैं तो साँवरिया की हो ली रै।
जीवन के सब राग बदल कर, सोते सोते भाग बदल गये, क़िस्मत मेरी खोली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे, मैं तो साँवरिया की हो ली रै।
बरसाने की नार नवेली, क्या करती रह गई अकेली, वो तो संग सखा की टोली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे, मैं तो साँवरिया की हो ली रै।
गया नन्द मेरे मन बसिया ने, होरी के या रंग रसिया ने मेरे दिल की कुण्डी खोली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे, मैं तो साँवरिया की हो ली रै।
नन्द लाला ने बरसाने में, खेली ऐसी होली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे, तन मन चोला साड़ी चुनर, भीज गई मेरी चोली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे, मैं तो साँवरिया की हो ली रै।
नन्द लाला ने बरसाने में, खेली ऐसी होली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे, मैं तो सांवरियां की हो ली रे,
होली स्पेशल भजन : साँवरिया की होली | Arun Prajapati | Radha Krishna Holi Bhajan