(मुखड़ा) कब से खड़ा हूँ, माँ तेरे द्वार, सुन भी लो मेरे, मन की पुकार, तू तो अंतर्यामी है, मेरी शेरावाली माँ, जग कल्याणी है, मेरी शेरावाली माँ।।
(अंतरा) तेरे द्वारे पे माँ, हम झोली फैलाए खड़े हैं,
तेरी महिमा निराली, ये चर्चे भी हमने सुने हैं, बिगड़ी तू देती बना, बड़ी दयावानी है, मेरी शेरावाली माँ, जग कल्याणी है, मेरी शेरावाली माँ।।
ऊँचे पर्वतों पे, माँ लगाया है दरबार तुमने, पौड़ी-पौड़ी चढ़के, मैं आया हूँ दीदार करने, मुखड़ा तो अपना दिखा,
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
तू करती मेहरबानी है, मेरी शेरावाली माँ, जग कल्याणी है, मेरी शेरावाली माँ।।
श्रृंगार तेरा भवानी, अपने हाथों से हम तो करेंगे, गोटेदार चुनर माँ, सर पर हम तेरे धरेंगे, माथे की बिंदिया तो, सूरज के समान ही है, मेरी शेरावाली माँ, जग कल्याणी है,
मेरी शेरावाली माँ।।
दर पर तेरे सुरेंद्र, भजन यूँ ही तो करता रहेगा, ज्योति तेरी माँ अंबे, ये यूँ ही निहारा करेगा, बालक को ले अपना, देवों में आदरणी है, मेरी शेरावाली माँ, जग कल्याणी है, मेरी शेरावाली माँ।।
(पुनरावृति) कब से खड़ा हूँ, माँ तेरे द्वार, सुन भी लो मेरे, मन की पुकार, तू तो अंतर्यामी है, मेरी शेरावाली माँ, जग कल्याणी है, मेरी शेरावाली माँ।।
यह भजन एक भक्त की गहरी आस्था और माँ शेरावाली के प्रति प्रेम को दर्शाता है। भक्त माँ के दर्शन की कामना करते हुए, पहाड़ों की चढ़ाई कर माँ के दरबार में हाजिरी लगाता है। माँ की कृपा से बिगड़ी तकदीर संवरती है, और भक्त माँ के श्रृंगार से लेकर उनकी आराधना में तन, मन और आत्मा से समर्पित होता है।