पानी में मीन प्यासी कबीर भजन लिरिक्स Kabir Bhajan Pani Me Meen Pyasi Lyrics with Video कबीर भजन लिरिक्स हिंदी
मोहे सुन सुन आवे हासी पानी में मीन प्यासी,
आतम ज्ञान बिना नर भटके कोई मथुरा कोई कासी,
मिरगा न भी वसे कस्तूरी बन बन फिरत उदासी,
मोहे सुन सुन आवे हासी पानी में मीन प्यासी
जल बीच कवल कवल बीच कलियाँ,
ता पर भवर निवासी,
सो मन बस तिरलोक बहियो है यति सीत सन्यासी,
मोहे सुन सुन आवे हासी पानी में मीन प्यासी
जातो धान धरे निशवाशर मुनि जन सहस अठासी,
सो तेरे घट माही विराजे परम पुरष अविनाशी,
मोहे सुन सुन आवे हासी पानी में मीन प्यासी
है हाज़िर तोहे दूर बता वे दूर की बात निरासी,
कहे कबीर सुनो भाई साधो गुरु बिन बरहम ना जासी,
मोहे सुन सुन आवे हासी पानी में मीन प्यासी
आतम ज्ञान बिना नर भटके कोई मथुरा कोई कासी,
मिरगा न भी वसे कस्तूरी बन बन फिरत उदासी,
मोहे सुन सुन आवे हासी पानी में मीन प्यासी
जल बीच कवल कवल बीच कलियाँ,
ता पर भवर निवासी,
सो मन बस तिरलोक बहियो है यति सीत सन्यासी,
मोहे सुन सुन आवे हासी पानी में मीन प्यासी
जातो धान धरे निशवाशर मुनि जन सहस अठासी,
सो तेरे घट माही विराजे परम पुरष अविनाशी,
मोहे सुन सुन आवे हासी पानी में मीन प्यासी
है हाज़िर तोहे दूर बता वे दूर की बात निरासी,
कहे कबीर सुनो भाई साधो गुरु बिन बरहम ना जासी,
मोहे सुन सुन आवे हासी पानी में मीन प्यासी
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