लिरिक्स महामृत्युंजय मंत्र लिरिक्स Mahamrityunjay Mantra Lyrics

Mahamrityunjay Mantra लिरिक्स महामृत्युंजय मंत्र लिरिक्स Mahamrityunjaya Mantra Lyrics

 
लिरिक्स महामृत्युंजय मंत्र लिरिक्स Mahamrityunjay Mantra Lyrics

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् 
 
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् 
 
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् 

 
Mahamrityunjaya Mantra Original Anuradha Paudwal with Subtitles & Meaning
 
Singer: Anuradha Paudwal, Others
Composer: Pankaj Bhatt
Album:Gayatri Mantra & Mahamrityunjay Mantra Jaap Mala
Artist: Swati Parmar
Producer: Bhushan Kumar
Music Label: T-Series

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2 Comments
  • Unknown
    Unknown 9/06/2022

    जानकीनाथ सहाय करे, तब कौन बिगाड़ करै नर तेरो ॥ टेर॥

    सूरज, मंगल, सोम, भृगुसुत, बुध और गुरु वरदायक तेरो ।

    राहु केतु की नाँहि गम्यता, तुला शनीचर होय है चेरो ॥१॥

    दुष्ट दुशासन निबल द्रौपदि, चीर उतारण मन्त्र विचारो ।

    जाकी सहाय करी यदुनन्दन, बढ़ गयो चीरको भाग घनेरो ॥२॥

    गर्भकाल परीक्षित राख्यो, अश्वत्थामाको अस्त्र निवार् यो ।

    भारत में भरुही के अंडा, तापर गज को घंटो गेर् यो ॥३॥

    जिनकी सहाय करे करुणानिधि, उनको जगमें भाग्य घनेरो ।

    रघुवंशी संतन सुखदायी, तुलसीदास चरणों को चेरो

  • Unknown
    Unknown 9/06/2022

    जानकीनाथ सहाय करे, तब कौन बिगाड़ करै नर तेरो ॥ टेर॥

    सूरज, मंगल, सोम, भृगुसुत, बुध और गुरु वरदायक तेरो ।

    राहु केतु की नाँहि गम्यता, तुला शनीचर होय है चेरो ॥१॥

    दुष्ट दुशासन निबल द्रौपदि, चीर उतारण मन्त्र विचारो ।

    जाकी सहाय करी यदुनन्दन, बढ़ गयो चीरको भाग घनेरो ॥२॥

    गर्भकाल परीक्षित राख्यो, अश्वत्थामाको अस्त्र निवार् यो ।

    भारत में भरुही के अंडा, तापर गज को घंटो गेर् यो ॥३॥

    जिनकी सहाय करे करुणानिधि, उनको जगमें भाग्य घनेरो ।

    रघुवंशी संतन सुखदायी, तुलसीदास चरणों को चेरो

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