तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर लिरिक्स Tanak Hari Chitavo Ji Mori Our Lyrics

तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर लिरिक्स Tanak Hari Chitavo Ji Mori Our Lyrics Meera Bhajan Hindi मीरा भजन

 
तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर लिरिक्स Tanak Hari Chitavo Ji Mori Our Lyrics

तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर
हम चितवत तुम चितवत नाहीं
मन के बड़े कठोर।
मेरे आसा चितनि तुम्हरी
और न दूजी ठौर।
तुमसे हमकूं एक हो जी
हम-सी लाख करोर
कब की ठाड़ी अरज करत हूं
अरज करत भै भोर।
मीरा के प्रभु हरि अबिनासी
देस्यूं प्राण अकोर

Tanak Hari Chitavau Jee Moree Or
Ham Chitavat Tum Chitavat Naaheen
Man Ke Bade Kathor.
Mere Aasa Chitani Tumharee
Aur Na Doojee Thaur.
Tumase Hamakoon Ek Ho Jee
Ham-see Laakh Karor
Kab Kee Thaadee Araj Karat Hoon
Araj Karat Bhai Bhor.
Meera Ke Prabhu Hari Abinaasee
Desyoon Praan Akor 
 
 
Tanak Hari Chitvau Ji Mori Or - Mirabai Ji

नारी के शोषण का विरोध : मीरा बाई ने स्त्रियों के शोषण का भी विरोध किया और कहा की वे किसी परदे प्रथा को नहीं मानती हैं और उनका सुहाग अमर है। मध्यकाल में एक और जहाँ नारी का शोषण किया जा रहा था वाही मीरा बाई ने स्त्री की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अपने काव्य और भक्ति को आधार मानकर प्रचलित समस्त नारी विरोधी मान्यताओं का एक तरह से विरोध किया उन्होंने लिखा की राणा जी मुझे बदनामी का कोई डर नहीं हैं में तो कृष्ण को अपना सबकुछ मानती हूँ। उन्होंने लिखा की उन्हें अब कोई लाज का डर नहीं है। 
 
तेरो को नहिं रोकणहार मगन हो मीरां चली।।
लाज सरम कुलकी मरजादा सिरसें दूर करी।
मान अपमान दो धर पटके निकसी ग्यान गली।।
ऊंची अटरिया लाल किंवडिया निरगुण सेज बिछी।
पंचरंगी झालर सुभ सोहै फूलन बूल कली।।
बाजूबंद कडूला सोहे सिंदूर मांग भरी।
सुमिरण थाल हाथ में लीन्हों सोभा अधिक खरी।।
सेज सुखमणा मीरा सेहै सुभ है आज घरी।
तुम जा राणा घर आपणे मेरी थांरी नाहिं सरी।

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