अनूप जलोटा चदरिया झीनी रे झीनी राम Chadariya Jhini Re Jhini

अनूप जलोटा चदरिया झीनी रे झीनी राम नाम रस भीनी लिरिक्स Chadariya Jhini Re Jhini Lyrics

 
अनूप जलोटा चदरिया झीनी रे झीनी राम नाम रस भीनी लिरिक्स Chadariya Jhini Re Jhini Lyrics

कबीरा जब हम पैदा हुए
जग हँसे हम रोये
ऐसी करनी कर चलो
हम हँसे जग रोये

चदरिया झीनी रे झीनी
राम नाम रस भीनी
चदरिया झीनी रे झीनी

अष्ट कमल का चरखा बनाया
पांच तत्व की पूनी
नौ दस मास बुनन को लागे
मूरख मैली किन्ही
चदरिया झीनी रे झीनी

जब मोरी चादर बन घर आई
रंगरेज को दीन्हि
ऐसा रंग रंगा रंगरे ने
के लालो लाल कर दीन्हि
चदरिया झीनी रे झीनी

चादर ओढ़ शंका मत करियो
ये दो दिन तुमको दीन्हि
मूरख लोग भेद नहीं जाने
दिन दिन मैली कीन्हि
चदरिया झीनी रे झीनी

ध्रुव प्रह्लाद सुदामा ने ओढ़ी चदरिया
शुकदे में निर्मल कीन्हि
दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी
ज्यूँ की त्यूं धर दीन्हि
के राम नाम रस भीनी
चदरिया झीनी रे झीनी
 

Chadariya zini re zini by Anup Jalota


Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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