अनूप जलोटा भजन मत कर तू अभिमान

Mat Kar Abhiman Re Bande

 
अनूप जलोटा भजन मत कर तू अभिमान रे बंदे Mat Kar Abhiman Re Bande Lyrics

मत कर तू अभिमान रे बंदे
जूठी तेरी शान रे
मत कर तू अभिमान

तेरे जैसे लाखों आये
लाखों इस माटी ने खाए
रहा ना नाम निशान रे बंदे
मत कर तू अभिमान

माया का अन्धकार निराला
बाहर उजला अन्दर काला
इस को तू पहचान रे बंदे
मत कर तू अभिमान

तेरे पास हैं हीरे मोती
मेरे मन मंदिर में ज्योति
कौन हुआ धनवान रे बंदे
मत कर तू अभिमान
 

MAT KAR TU ABHIMAAN BY ANUP JALOTA

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