आयो आयो नवरात्र बड़ो प्यारो भजन

आयो आयो नवरात्र बड़ो प्यारो भजन

(मुखड़ा)
अंगना पधारो माँ, अंगना पधारो,
अंगना पधारो माँ, अंगना पधारो,
आयो आयो नवरात्र बड़ा प्यारो,
भवानी मोरे अंगना पधारो।।

(अंतरा)
फूलों से, कलियों से मंदिर सजाऊँ,
मंदिर में मैया को आसन लगाऊँ,
आसन पे मैया, मैं तुझको बिठाऊँ,
आजा भवानी, तेरी ज्योत मैं जलाऊँ,
लगे लगे दरबार बड़ा प्यारो,
भवानी मोरे अंगना पधारो,
आयो आयो नवरात्र बड़ा प्यारो,
भवानी मोरे अंगना पधारो।।

रोली और कुमकुम का टीका लगाऊँ,
लाल लाल चुनर माँ, तुमको ओढ़ाऊँ,
अष्टमी की रात तेरा कीर्तन कराऊँ,
हलवा और पूरी का भोग माँ लगाऊँ,
लगे लगे श्रृंगार बड़ा प्यारो,
भवानी मोरे अंगना पधारो,
आयो आयो नवरात्र बड़ा प्यारो,
भवानी मोरे अंगना पधारो।।

मैया भवानी, मोरे संकट निवारो,
पापी और दुष्टों को पल में संहारो,
दास गणेश मैया, लाल है तुम्हारो,
अपने कृष्णा को बेटा कह के पुकारो,
पाऊँ पाऊँ माँ आँचल तुम्हारो,
भवानी मोरे अंगना पधारो,
आयो आयो नवरात्र बड़ा प्यारो,
भवानी मोरे अंगना पधारो।।

(पुनरावृति)
अंगना पधारो माँ, अंगना पधारो,
अंगना पधारो माँ, अंगना पधारो,
आयो आयो नवरात्र बड़ा प्यारो,
भवानी मोरे अंगना पधारो।।
 

यह भजन माँ भवानी का स्वागत करने और नवरात्रि में उनकी आराधना के महत्व को दर्शाता है। भक्त माँ के आगमन की खुशी में मंदिर सजाते हैं, उन्हें भोग लगाते हैं और कीर्तन करते हैं। माँ भवानी से संकट दूर करने और भक्तों पर कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की जाती है।
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