मैं तो हुई दीवानी सुन लो जी चितचोर कन्हैया

मैं तो हुई दीवानी सुन लो जी चितचोर कन्हैया

राधा संग जो, यमुना तट पे, रास रचाता है,
ग्वाल-बाल संग, चोरी-चोरी, माखन खाता है।।
जिसका मुखड़ा, चांद का टुकड़ा, छवि बेजोड़ कन्हैया की,
मैं तो हुई दीवानी, सुन लो जी, चितचोर कन्हैया की।।

तेरी बांकी, टेढ़ी चितवन, कान्हा हम पे जादू डाल गई,
जब से देखा, तुमको छलिए, दिल ये अपना हार गई।।
मैं यहां भी देखूं, दिखे छवि हर ओर कन्हैया की,
मैं तो हुई दीवानी, सुन लो जी, चितचोर कन्हैया की।।

सज-धज कर, नटखट नैनों के, तीर चलाता है,
फिर बांकी अदा से, मंद-मंद ऐसे मुस्काता है।।
एक नज़र करे, घायल माखन चोर कन्हैया की,
मैं तो हुई दीवानी, सुन लो जी, चितचोर कन्हैया की।।

जिसके अधरों पे, रहती मुरली, जादूगारी,
भीमसेन जिसकी, दीवानी है दुनिया सारी।।
सब झूमें जब, मुरली बाजे, घनघोर कन्हैया की,
मैं तो हुई दीवानी, सुन लो जी, चितचोर कन्हैया की।।


2021 में दिल ही धड़का दिया इस भजन ने | चितचोर कन्हैया | Chitchor Kanhaiya | Amrita Dixit | DJ Bhajan
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