ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात
महाकाल की सवारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
पीछे पीछे दुनिया सारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
संग है भूत पिशाच निशाचर
ओघड़ भालू देव धुरंधर
संग भीड़ भारी चली
महाकाल की सवारी चली रे
मृत्युंजय शम्भू कैलाशी नीलकंठ
शंकर अविनाशी
संग संग गौरा प्यारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
पीछे पीछे दुनिया सारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात
महाकाल की सवारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
पीछे पीछे दुनिया सारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
संग है भूत पिशाच निशाचर
ओघड़ भालू देव धुरंधर
संग भीड़ भारी चली
महाकाल की सवारी चली रे
मृत्युंजय शम्भू कैलाशी नीलकंठ
शंकर अविनाशी
संग संग गौरा प्यारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
पीछे पीछे दुनिया सारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
महाकाल की सवारी चली रे
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