मेरी शेरावाली माँ बदलती तकदीरे भजन

मेरी शेरावाली माँ बदलती तकदीरे भजन

(मुखड़ा)
कभी जल्दी-जल्दी,
कभी धीरे-धीरे,
मेरी शेरावाली माँ,
बदलती तकदीरें।।

(अंतरा)
कहते हैं कोई बदल न पाता,
है हाथों की रेखा,
पर ये करिश्मा हमने माँ को,
रोज ही करते देखा,
तभी तो ये दुनिया,
दीवानी इसकी रे,
मेरी शेरावाली माँ,
बदलती तकदीरें।।

दीन-दुखी लाखों ही आते,
मैया जी के द्वारे,
बारी-बारी से मेरी मैया,
सबके काज सँवारे,
यहाँ पर तो भरती,
झोलियाँ सबकी रे,
मेरी शेरावाली माँ,
बदलती तकदीरें।।

अगर भरोसा सच्चा हो तो,
काम बने एक पल में,
देर उन्हीं को लगती जिनके,
शंका रहती मन में,
कहे सोनू रखो,
भावना सच्ची रे,
मेरी शेरावाली माँ,
बदलती तकदीरें।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
कभी जल्दी-जल्दी,
कभी धीरे-धीरे,
मेरी शेरावाली माँ,
बदलती तकदीरें।।
 


इस भजन की जितनी भी तारीफ़ करो कम है | New Mata Rani Navratri Bhajan | Durga Mata Navratri Bhajan-यह भजन माँ शेरावाली की महिमा का वर्णन करता है, जो भक्तों की तकदीर बदलने वाली हैं। माँ अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करती हैं, यदि उनकी श्रद्धा सच्ची हो। माँ की कृपा से असंभव भी संभव हो जाता है, और दीन-दुखियों की झोलियाँ भर जाती हैं।
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