शेरावाली का सच्चा दरबार है भजन

शेरावाली का सच्चा दरबार है भजन

(मुखड़ा)
शेरावाली का सच्चा दरबार है,
यहाँ पे भरते भक्तों के भंडार हैं,
सच्चा दरबार है, भरते भंडार हैं,
शेरावाली का सच्चा दरबार है,
यहाँ पे भरते भक्तों के भंडार हैं।।

(अंतरा)
पर्वत पे एक गुफा के अंदर,
मैया का है प्यारा मंदिर,
मैया का है प्यारा मंदिर,
सिंह सवारी करके बैठी,
लगती मैया कितनी सुंदर,
लगती मैया कितनी सुंदर,
दर्शन करने को आता संसार है,
यहाँ पे भरते भक्तों के भंडार हैं,
शेरावाली का सच्चा दरबार है,
यहाँ पे भरते भक्तों के भंडार हैं।।

तीनों लोक की है महारानी,
ये जगदंबा, यही भवानी,
ये जगदंबा, यही भवानी,
बिगड़ी बनाने वाली माँ है,
बड़ी दयालु, बड़ी है दानी,
मनचाहा सबको देती उपहार है,
यहाँ पे भरते भक्तों के भंडार हैं,
शेरावाली का सच्चा दरबार है,
यहाँ पे भरते भक्तों के भंडार हैं।।

मैया के दर पे जो आए,
चरणों में जो शीश झुकाए,
चरणों में जो शीश झुकाए,
जय माता दी बोल-बोल के,
सोनू जो जयकारे लगाए,
सोनू जो जयकारे लगाए,
उनका तो हो जाता बेड़ा पार है,
यहाँ पे भरते भक्तों के भंडार हैं,
शेरावाली का सच्चा दरबार है,
यहाँ पे भरते भक्तों के भंडार हैं।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
शेरावाली का सच्चा दरबार है,
यहाँ पे भरते भक्तों के भंडार हैं,
सच्चा दरबार है, भरते भंडार हैं,
शेरावाली का सच्चा दरबार है,
यहाँ पे भरते भक्तों के भंडार हैं।।
 


नवरात्रि स्पेशल बहुत ही सुन्दर गीत एक बार जरुर सुने शेरावाली का सच्चा दरबार है राजू मेहरा-यह भजन माँ शेरावाली के दरबार की महिमा का गुणगान करता है। माँ के पवित्र मंदिर में भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं। माँ तीनों लोकों की महारानी हैं, जो हर भक्त की बिगड़ी संवारती हैं और मनचाहा वरदान देती हैं। माँ के दरबार में आने से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और उनकी नैया पार हो जाती है।
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