मेरे ग़म से बेख़बर गर श्रीराम आप होंगे

मेरे ग़म से बेख़बर गर श्रीराम आप होंगे

मेरे ग़म से बेख़बर गर, श्रीराम आप होंगे,
बर्बाद मैं हुआ तो, बदनाम आप होंगे।।

मैं राम नाम रटकर, फिर भी सहूँगा दुख तो,
बदनामी से कैसे, गुमनाम आप होंगे।।
मेरे ग़म से बेख़बर गर, श्रीराम आप होंगे,
बर्बाद मैं हुआ तो, बदनाम आप होंगे।।

नैनों से प्रेमजल की, बरसात तभी तो होगी,
घन बनकर जब हृदय में, घनश्याम आप होंगे।।
मेरे ग़म से बेख़बर गर, श्रीराम आप होंगे,
बर्बाद मैं हुआ तो, बदनाम आप होंगे।।

राजेश है तुम्हारा, तू उसके दोष बुन के,
आग़ाज़ आप होंगे, अंजाम आप होंगे।।
मेरे ग़म से बेख़बर गर, श्रीराम आप होंगे,
बर्बाद मैं हुआ तो, बदनाम आप होंगे।।


राम भजन मेंरे गम से बेखबर श्री राम आप होगे अंकुश जी
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