साधु लडे रे शबद के ओटै तन पर चोट कोनी आयी मेरा भाई रे साधा करी है लड़ाई पाँच पच्चीस चल्या पाखारिया आतम करी है चढ़ाई आतम राज करे काया मे
ऐसी ऐसी अदल जमाई साधु लडे रे शबद के ओटै तन पर चोट कोनी आयी मेरा भाई रे साधा करी है लड़ाई ओजी गुरुजी सात शबद का मँड्या है मोरचा गढ़ पर नाल झुकाई ग्यान का गोला लग्या घट भीतर भरमाँ की बुरज उड़ाई
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साधु लडे रे शबद के ओटै तन पर चोट कोनी आयी मेरा भाई रे साधा करी है लड़ाई ओजी गुरुजी, ज्ञान का तेगा लिया है हाथ मे करमा की कतल बनाई कतल कराइ भरमगढ़ भेल्या फिर रही अलख दुहाई साधु लडे रे शबद के ओटै तन पर चोट कोनी आयी मेरा भाई रे साधा करी है लड़ाई
नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा लाला लगन लखाई भानी नाथ शरण सतगुरु की खरी नौकरी पाई साधु लडे रे शबद के ओटै तन पर चोट कोनी आयी मेरा भाई रे साधा करी है लड़ाई
साधु लडे शब्द vikash nath ji sadhu lade sabad ||nath ji bhajan nathjibhajan By vikash nath ji