अब थारो कई पतियारो रे परदेशी लिरिक्स Aub Tharo Kayi Patiyaro Re Pardeshi Lyrics

अब थारो कई पतियारो रे परदेशी लिरिक्स Aub Tharo Kayi Patiyaro Re Pardeshi Lyrics

 
अब थारो कई पतियारो रे परदेशी लिरिक्स Aub Tharo Kayi Patiyaro Re Pardeshi Lyrics

काल चक्र चक्की चले
बहुत दिवस और रात
अगुन सगुन दोई पाटला
तामे जीव पिसाय
एक दिन ऐसा होयगा
कोई कहु का नाय
घर की नारी कोकहे
तन की नारी जाय
मंदिर माहि झलकति
दिया की सी जोत
हंस बटाउ चली गया
काडी घड की खोट

अब थारो कई
पतियारो रे परदेशी
हाँ रे हां
अब थारो कई
पतियारो दुरादेशी
मायला जब लग तेले
दिया माय रे बाती
थारा मंदरिया में हुया
उजियारा रे
रे परदेशी
हां रे हां
मायला कुटी गया तेल
बुझण लागि बाती
हाँ रे हां
मायला कुटी गया तेल
बुझण लागि बाती
हाँ रे हां
थारा मंदरिया में होयाअँधियारा
रे परदेशी
हाँ रे हां
मायला ढस गयी भीत
पड़न लागी टाटी
हाँ रे हां
मायला ढस गयी भीत
पड़न लागी टाटी
हाँ रे हां
थारी टाटी (छप्पर ) में मिल गयी रे माटी
रे परदेशी
हाँ रे हां
मायला घाट घडी रो सांटो (गन्ना ) यो मीठो
हाँ रे हां
यो तो घाट घाट को रस न्यारो
रे परदेशी
हाँ रे हां
मायला उठी चल्यो बाणियो सुनी थारी हाटड़ी (दूकान )
हाँ रे हां
मायला उठी चल्यो बाणियो सुनी थारी हाटड़ी (दूकान )
दे ताळो ने ले गया कूंची (चाबी )

रे परदेशी हाँ रे हां

अब थारो कई
पतियारो दुरादेशी
मायला कहे हो कबीर सा सुनो भाई साधो
हाँ रे हां
मायला कहे हो कबीर सा सुनो भाई साधो
हाँ रे हां
थारो हंसो अमरापुर जासी

रे परदेशी हाँ रे हां

थारो कई
पतियारो रे परदेशी
हाँ रे हां

अब थारो कई पतियारो रे परदेशी लिरिक्स Aub Tharo Kayi Patiyaro Re Pardeshi Lyrics


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