ढोला ढोल मजीरा बाजे रे लिरिक्स Dhola Dhol Majira Baje Lyrics

राजस्थानी गाने अपनी मधुर और लयबद्ध धुनों, राजस्थानी भाषा में गाए जाने और विभिन्न विषयों पर आधारित होने के लिए जाने जाते हैं। इन गीतों में अक्सर राजस्थानी संस्कृति और परंपराओं का चित्रण किया जाता है।

राजस्थानी गाने अपनी मधुर और लयबद्ध धुनों के लिए प्रसिद्ध हैं। इन गीतों को अक्सर लोक वाद्ययंत्रों के साथ बजाया जाता है। राजस्थानी गाने राजस्थानी भाषा में गाए जाते हैं। राजस्थानी भाषा एक समृद्ध और विविध भाषा है जो अपनी विशिष्ट बोली और शब्दावली के लिए जानी जाती है। राजस्थानी गाने विभिन्न विषयों पर आधारित होते हैं, जिसमें प्रेम, प्रकृति, धर्म, और लोक संस्कृति शामिल हैं। इन गीतों में अक्सर राजस्थानी संस्कृति और परंपराओं का चित्रण किया जाता है।

ढोला ढोल मजीरा बाजे रे लिरिक्स Dhola Dhol Majira Baje Lyrics

राजस्थानी गाने राजस्थानी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये गाने राजस्थानी लोगों की भावनाओं, विचारों और विश्वासों को व्यक्त करते हैं।

ढोला ढोल मजीरा बाजे रे लिरिक्स Dhola Dhol Majira Baje Lyrics, Dhola Dhol Majeera Baje Re

मारू थारे देस में,
निपजे तीन रतन,
एक ढोलो (Beloved) दूजी मारवन (Beautiful Lady)
तिज्यो कसुमल रंग
ढोला ढोल मजीरा बाजे रे
काळी छींट (Colored Patches) को घाघरो निजारा (Flash) मारे रे
ढोला ढोल मजीरा बाजे रे
ए.......
सात कळी रो घाघरो जी, कळी कळी में घेर
पहर बाजारां नीसरी रुपया रो हो गया ढेर
ढोला ढोल मजीरा बाजे रे
काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे
ढोला ढोल मजीरा बाजे रे

ए..म्हे ढोला थाने घणी कही जी परदेसा मति जाय
परदेसा री परनारी से नेहा मति लगाय
ढोला ढोल मजीरा बाजे रे,
काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे
ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे

ए....म्हे ढोला थने घणी कही जी परदेसा मत जाय
परदेसाँ की नारियां में मत ना प्रीत लगाय
ढोला ढोल मजीरा बाजे रे
काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे
ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे

ए.., चार चौमाखी सोरती जी, रेल गाँव को हाट,
चार चौमाखी सोरती जी, रेल गाँव को हाट,
बेगा आजो सायबा मैं जो रही हूँ बाट
ढोला, ढोल मंजीरा
ओ ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे
काळी छींट को घाघरो, निजारा मारे रे
ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे हो हो
ए.., डूंगर ऊपर डूंगरी जी, सोनो घडे सुनार
डूंगर ऊपर डूंगरी जी, सोनो घडे सुनार
याँ घड दे म्हारी बाझणी, कोई पायल री झणकार
ढोला, ढोल मंजीरा
ओ ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे
काळी छींट को घाघरो, निजारा मारे रे
ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे हो हो
ए.., बारां का बाजार में कोई बुढो रान्दे (Cooking) खीर
बारां का बाजार में कोई बुढो रान्दे खीर
दाढ़ी दाढ़ी जळ गई, कोई मुन्छ्यों को तकदीर
ढोला, ढोल मंजीरा
ओ ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे
काळी छींट को घाघरो, निजारा मारे रे
ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे हो हो

ए.., जयपुर के बाजार में पड्यो पेमली बोर
नीची होय उठावन लागि, पड्यो कमर में जोर
ढोला ढोल मजीरा बाजे रे
काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे
ढोला ढोल मजीरा बाजे रे
ढोला ढोल मजीरा बाजे रे
काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे
ढोला ढोल मजीरा बाजे रे


ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे | Dhola Dhol Manjira Baaje Re | Popular Rajasthani Songs | Ziiki Media

राजस्थानी संगीत में विरह : राजस्थानी संगीत में नायिका का विरह दिखाई देता है। भले ही वो प्रसिद्ध पीपली गीत हो या फिर अन्य कोई सभी में नायिका के विरह का चित्रण हुआ है। इसका कारन है की राजस्थान एक मरू भूमि का क्षेत्र है जहाँ पर पानी का अभाव रहा है। नायक को काम काज के लिए सदा ही अपने घर को छोड़कर दूर देशों में जाना पड़ता था और नायिका के विरह भाव का भी यही कारन रहा है। 

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1 Comments
  • J K Mathur
    J K Mathur 4/22/2022

    Excellent compilation of traditional RaJasthani songs.

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