मेरे गुरुवर भक्ति रस अवतार भजन
मेरे गुरुवर भक्ति रस अवतार भजन
मेरे गुरुवर भक्ति रस अवतार।
गुरु कहो, गुरु हरि दोऊ इक सार।
गुरु कहो, गुरु का अधिक आभार।
गुरु कहो, तन करे जग व्यवहार।
गुरु कहो, मन करे हरि सों ही प्यार।
गुरु कहो, माँगो रोकर निष्काम प्यार।
गुरु कहो, हरि गुरु को ही उर धार।
गुरु कहो, गुरु करुणा भंडार।
गुरु कहो, गुरु दीनन रखवार।
गुरु कहो, गुरु निराधार आधार।
गुरु कहो, हरि गुरु सेवा सार।
गुरु कहो, गुरु ही 'कृपालु' कर्णधार।
पुस्तक – ब्रज रस माधुरी, भाग-2
कीर्तन संख्या – 2
पृष्ठ संख्या – 2
सर्वाधिकार सुरक्षित © जगद्गुरु कृपालु परिषत्
गुरु कहो, गुरु हरि दोऊ इक सार।
गुरु कहो, गुरु का अधिक आभार।
गुरु कहो, तन करे जग व्यवहार।
गुरु कहो, मन करे हरि सों ही प्यार।
गुरु कहो, माँगो रोकर निष्काम प्यार।
गुरु कहो, हरि गुरु को ही उर धार।
गुरु कहो, गुरु करुणा भंडार।
गुरु कहो, गुरु दीनन रखवार।
गुरु कहो, गुरु निराधार आधार।
गुरु कहो, हरि गुरु सेवा सार।
गुरु कहो, गुरु ही 'कृपालु' कर्णधार।
पुस्तक – ब्रज रस माधुरी, भाग-2
कीर्तन संख्या – 2
पृष्ठ संख्या – 2
सर्वाधिकार सुरक्षित © जगद्गुरु कृपालु परिषत्
मेरे गुरुवर भक्ति रस अवतार | ब्रज रस माधुरी~२ | Ft. Akhileshwari Didi
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
रचयिता : जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
पुस्तक : ब्रज रस माधुरी, भाग-2
कीर्तन संख्या : 2
पृष्ठ संख्या : 2
सर्वाधिकार सुरक्षित © जगद्गुरु कृपालु परिषत्
पुस्तक : ब्रज रस माधुरी, भाग-2
कीर्तन संख्या : 2
पृष्ठ संख्या : 2
सर्वाधिकार सुरक्षित © जगद्गुरु कृपालु परिषत्
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
