कहा सिखापना देत हो समुझि देख मन माहि हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

कहा सिखापना देत हो समुझि देख मन माहि हिंदी मीनिंग Kaha Sikhapn Det Ho Samujhi Dekh Man Hindi Meaning कबीर के दोहे हिंदी में

 
कहा सिखापना देत हो समुझि देख मन माहि।
सबै हरफ है द्वात मह ,द्वात ना हरफन माहि।।

Kaha Sikhaapana Det Ho Samujhi Dekh Man Maahi.
Sabai Haraph Hai Dvaat Mah ,dvaat Na Haraphan Maahi..
 
कहा सिखापना देत हो समुझि देख मन माहि हिंदी मीनिंग Kaha Sikhapn Det Ho Samujhi Dekh Man Hindi Meaning

कहा सिखापना देत हो शब्दार्थ हिंदी Kaha Sikhaapna Det Ho Hindi Word Meaning.

सिखापना : शिक्षाएं / सलाह, मशवरा या परामर्श
समुझि : समझना, سمجھنا to understand
मन माहि : मन के अंदर
सबै : सभी all without exception تمام
हरफ : अक्षर अक्षर, वर्ण ہر
द्वात : दवात (स्याहीदान ) मसि पात्र دوائی
मह : में , के अंदर
हरफन : अक्षर


दोह का हिंदी मीनिंग:
कबीर साहेब की वाणी है की मैं जो भी तुम्हे शिक्षा देता हूँ / ज्ञान देता हूँ उसे सिर्फ सुनना नहीं है बल्कि अपने हृदय में उतारकर उसका विश्लेष्ण करना है और जीवन में उतारना है। इसे समझने की आवश्यकता है। इश्वर इस समस्त श्रष्टि में, जगत में व्याप्त है, समस्त जीव जगत इश्वर से है लेकिन इश्वर मात्र इस श्रष्टि तक ही सीमित नहीं हैं, वह तो अनंत और अपार है। जैसे सभी अक्षर दवात में हैं लेकिन दवात सभी अक्षरों में हो यह अनिवार्य नहीं है। मालिक इस संसार के कण कण में व्याप्त है लेकिन मालिक मात्र जगत तक ही सीमित हो जरुरी नहीं है। 

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