ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय वासुदेवाय प्रभु वासुदेवाय
ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय वासुदेवाय प्रभु वासुदेवाय
नन्द नन्द नाय प्रभु नन्द नन्द नाय
ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय
द्वारिका के नाथ प्रभु राधा बल्भाय
ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय
नाग नाथनाय प्रभु नाग नाथनाय
ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय वासुदेवाय प्रभु वासुदेवाय
नन्द नन्द नाय प्रभु नन्द नन्द नाय
ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय
द्वारिका के नाथ प्रभु राधा बल्भाय
ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय
नाग नाथनाय प्रभु नाग नाथनाय
ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय ॐ नमोह भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो : भगवते वासुदेवाय नमः :| १०८ जाप | जप | कल्याणकारी प्रभाव शाली जप | Om Namo Bhagwate chant
मंत्र का अर्थ:
ओम - ओम यह ब्रंह्माडीय व लौकीक ध्वनि है।
नमो - अभिवादन व नमस्कार।
भगवते - शक्तिशाली, दयालु व जो दिव्य है।
वासुदेवयः - वासु का अर्थ हैः सभी प्राणियों में जीवन और देवयः का अर्थ हैः ईश्वर। इसका मतलब है कि भगवान (जीवन/प्रकाश) जो सभी प्राणियों का जीवन है।
Om Namo Bhagavate Vasudevaya
Name of Krishna, Krishna is also known as Vaasudeva (Krishna), because He was the son of Vasudeva. In the Bhagavad-Gita, Arjuna called Krishna by the name Vaasudeva multiple times. 'Vāsudevāya' वासुदेवाय is the dative of 'vāsudeva' वासुदेव. Other meaning for Vasudevaya is Vasu means "Life in all beings" Devaya means "God". This means God(life/light) who lives of all beings.
ॐ नमो : भगवते वासुदेवाय नमः :| हिन्दू धर्म का बहुत ही प्राचीन और प्रिशिध मंत्र है जिसे भगवान् विष्णु का मंत्र मन जाता है | यह प्रभु श्री कृष्णा जी को समर्पित है जिन्हें विधनू जी का अवतार माना जाता है |
म नामे भगवते वासुदेवया यह एक प्रसिद्ध हिन्दू मंत्र है। यह मंत्र भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण दोनों का मंत्र है। इसमें दो परंपराएं हैं-तांत्रिक और पुराणिक। तांत्रिक पंरपराये में ऋषि प्रजापति आते है और पुराणिक पंरपरा में ऋषि नारदा जी आते है। हालांकि, दोनों कहते हैं कि यह सर्वोच्च विष्णु मंत्र है। शारदा तिलक तन्त्रम कहते है कि ‘देवदर्शन महामंत्र् प्राधन वैष्णवगाम’ बारह वैष्णव मंत्रों में यह मत्रं प्रमुख हैं। इसी प्रकार ‘श्रीमद् भगवतम्’ के 12 अध्याय को इस मंत्र के 12 अक्षर के विस्तार के रूप में लिए गए है। इस मंत्र को मुक्ति का मंत्र कहा जाता है और मोक्ष प्राप्त करने के लिए एक आध्यात्मिक सूत्र के रूप में माना जाता है। यह मंत्र ‘श्रीमद् भगवतम्’ का प्रमुख मंत्र है इस मंत्र का वर्णन विष्णु पुराण में भी मिलता है। नामे भगवते वासुदेवया यह एक प्रसिद्ध हिन्दू मंत्र है। यह मंत्र भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण दोनों का मंत्र है। इसमें दो परंपराएं हैं-तांत्रिक और पुराणिक। तांत्रिक पंरपराये में ऋषि प्रजापति आते है और पुराणिक पंरपरा में ऋषि नारदा जी आते है। हालांकि, दोनों कहते हैं कि यह सर्वोच्च विष्णु मंत्र है। शारदा तिलक तन्त्रम कहते है कि ‘देवदर्शन महामंत्र् प्राधन वैष्णवगाम’ बारह वैष्णव मंत्रों में यह मत्रं प्रमुख हैं। इसी प्रकार ‘श्रीमद् भगवतम्’ के 12 अध्याय को इस मंत्र के 12 अक्षर के विस्तार के रूप में लिए गए है। इस मंत्र को मुक्ति का मंत्र कहा जाता है और मोक्ष प्राप्त करने के लिए एक आध्यात्मिक सूत्र के रूप में माना जाता है। यह मंत्र ‘श्रीमद् भगवतम्’ का प्रमुख मंत्र है इस मंत्र का वर्णन विष्णु पुराण में भी मिलता है।
मंत्र का अर्थ:
ओम - ओम यह ब्रंह्माडीय व लौकीक ध्वनि है।
नमो - अभिवादन व नमस्कार।
भगवते - शक्तिशाली, दयालु व जो दिव्य है।
वासुदेवयः - वासु का अर्थ हैः सभी प्राणियों में जीवन और देवयः का अर्थ हैः ईश्वर। इसका मतलब है कि भगवान (जीवन/प्रकाश) जो सभी प्राणियों का जीवन है।
वासुदेव भगवान! अर्थात् जो वासुदेव भगवान नर में से नारायण बने, उन्हें मैं नमस्कार करता हूँ। जब नारायण हो जाते हैं, तब वासुदेव कहलाते हैं।
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